Rajasthan Culture: राजस्थान में एक अनोखी परंपरा है, जिसे जान आप भी हैरान हो जाएंगे। बच्चे में तो सभी ने अपनी मां का दूध पिया होगा, लेकिन यहां का कल्चर है कि दूल्हा शादी करने जाने से पहले अपनी मां का दूध पीकर जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि दूल्हे की मां उनकी कुल देवी शीतला माता से मांगती है की अपने बेटे को दूध पिलाकर खून से सींचकर आज इतना बड़ा किया हैं और आज वह शादी के लायक हो गया है अब इसके आगे के भविष्य और इसकी रक्षा आप करना हैं।
सलामती की दुआ
इसकी शुरुआत ऐसे हुई की कोटा शहर के बिजौलियां गांव में शादी से पहले दूल्हे को उसकी मां स्तनपान करवाकर उसे आशीर्वाद देती हैं। यह परंपरा कई सालो से राजस्थान के कई क्षेत्रों में निभाई जा रही हैं। इस रिवाज को आज भी कई लोगों द्वारा पूरे तरीके से निभाया जा रहा हैं। इस रस्म को निभाते हुए दूल्हे की मां अपनी और अपने बेटे की रक्षा के लिए मां शीतला से सलामती की अर्जी लगाती हैं।
शीतला सप्तमी की पूजा
राजस्थान के कोटा शहर में एक शीतला माता और बेदरी माता का मंदिर है, जहां पर शीतला सप्तमी के दिन पूरे कस्बे की महिलाएं रात आठ बजे से लेकर पूरी रात माता की पूजा करती है और ठंडे भोजन, दही, चावल, पापड़ आदि का भोग माता को लगाती हैं।
मन्नत की मनोकामना
इसमें कोई महिला ने मन्नत मांगी और वो पूरी हो गई है, तो वह दोनों माता के मंदिरों में चांदी के नेतर और नगदी चढ़ाती है। माता को महिलाएं कपड़ा, धान नमक, भोग चढ़ाती हैं।
इसमें मानते हैं कि शीतला माता की पूजा करने से शरीर पर जलन, त्वचा रोग, फोड़े-फुंसी, लाल दाने से रक्षा करती है और अगर कोई त्वचा सम्बंधित बीमारी उसे भी दूर करती हैं।
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