Rajasthan Unique Culture: झीलों का शहर कहा जाने वाला शहर राजस्थान का उदयपुर में लोक संस्कृति की भरमार है। यहां हर कस्बे में विभिन्न प्रकार की परंपराएं निभाई जाती है। इन्हीं में से एक है अनोखी परंपरा उदयपुर से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित जावर माता के मंदिर में होती है। दरअसल, होली वाले दिन मंदिर में पूजा होने के बाद यहां सेमल के पेड़ पर नेजा बांधा जाता है, जिसे लूटने के लिए आसपास के सैकड़ों युवक इकट्ठे हो जाते हैं। साथ ही युवकों को रोकने के लिए महिलाएं बांस की बनी लाठी लेकर पुरुषों को मारकर रोकती है। इस दौरान कई युवकों को काफी चोटें भी आ जाती है।
6 गांव के लोग मिलकर लेते हैं हिस्सा
मंदिर के पंडित गौतम लाल ने बताया कि सदियों पुरानी यह परंपरा होली के दिन निभाई जाती है। इसमें 6 गांव के आसपास के लोग मिलकर हिस्सा लेते हैं। मान्यता है गांव का कोई व्यक्ति मंदिर में अपनी मन्नत मांगकर मंदिर के सामने लगे समेल के पेड़ के लगभग 30 फीट ऊपर एक लाल कपड़ें में चावल, नारियल, गेंहु और कुछ राशि रखकर बांध देता है।
इसके बाद माता रानी की आरती की जाती है और महिलाओं द्वारा जबरी खेला जाता है। इस दौरान महिलाएं ढोल, तलवार और लाटी लेकर कुंडी की थाप पर नृत्य करती है। इसके बाद शुरू होता है नेजा लूटने का खेल जिसमें सभी युवा एक साथ लेजा लूटने के लिए पेड़ के ऊपर चढ़ जाते हैं, जैसे ही वे भागते महिलाएं बांस के डंडे से उनपर हमला शुरू कर देती हैं।
इसके अलावा चढ़ने वाले का विरोधी उसकी टांग पकड़ कर उसे नीचे गिराने की कोशिश करता है। लेकिन जो आखिर तक पेड़ पर चढ़कर नेजा को लेता है, वो ही इस परंपरा का विजेता माना जाता है। साथ ही उसमें रखी राशि उसी की हो जाती है। लड़ाई के दौरान कई लोगों को चोटें लग जाती है। बता दें कि तीन गांव के लोग मिलकर नेजा को बांधते हैं। बाकि के तीन गांव इसे नीचे उतारने की कोशिश करते हैं।
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