Camel Conservation Mission: राजस्थान की भजनलाल सरकार पशुपालकों का विशेष तौर पर ध्यान रखती है। इस कड़ी में पालतू जानवरों की श्रेणी में आने वाले गाय, भैंस, बकरी और रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंट को संरक्षित करने के लिए कई तरह के फैसले लिए गए हैं। राजस्थान में ऊंट का खास महत्व है। इसको देखते हुए ऊंट संरक्षण के लिए खास तौर पर सरकार की ओर से फैसले लिए गए हैं।
राजस्थान सरकार के 1 वर्ष पूरा होने पर इसी कड़ी में दर्जनों जिले में उपचार शिविर लगाए गए। सरकार के इस एक कदम से हजारों की संख्या में पशुपालकों को लाभ हुआ। इस शिविर में हजारों की संख्या में ऊंट को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया गया। राजस्थान सरकार का दावा है कि निकट भविष्य में भी पशुपालन को बढ़ावा दिया जाता रहेगा और पालतू जानवरों की संरक्षण के लिए कदम उठाए जाते रहेंगे।
ऊंट संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर राज्य के 34 जिलों में विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इन शिविरों में राजस्थान सरकार की ओर से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। यह चिकित्सा सुविधा खास तौर पर ऊंट के लिए थी। सरकार की कोशिश है कि राज्य के पशुपालकों को सुविधा दी जाए ताकि ऊंट को संरक्षित किया जा सके।
बता दें कि राजस्थान में ऊंट परिवहन से लेकर रोजगार का सृजन तक करने वाला एक प्रमुख माध्यम है। भारी संख्या में लोग ऊंट का पालन कर अपनी आजीविका का संचालन करते हैं। रेतीले राजस्थान में ऊंट का इस्तेमाल पर्यटकों को आकर्षित करने व उनके आवागमन के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त ऊंट से उन भी बनाया जाता है। साथ ही हल जोतने और कृषि कार्य से जुड़े अन्य कार्यों में भी ऊंट बेहद सहायक होते हैं।
ऊंट संरक्षण के लिए प्रयासरत भजनलाल सरकार
गौरतलब है कि राजस्थान की भजनलाल सरकार ऊंट संरक्षण के लिए खास तौर पर प्रयासरत है। इस कड़ी में पशुपालकों को ऊंट पर बीमा कवर भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से ऊंट के लिए चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। सरकार की कोशिश है कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा पशुपालक ऊंट का पालन करें। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और उनकी आजीविका जारी रह सकेगी।
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