Rajasthan Tourism: राजस्थान के शाही शहर में जैसलमेर बसा है, जिसे रेगिस्तान का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। यह पर्यटन स्थल भारत के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। यहां सालों भर घूमने के लिए पर्यटक आते रहते हैं, लेकिन यहां ठंड की शुरुआत में अधिक भीड़ होती है। जैसलमेर को 'गोल्डन सिटी' के नाम से भी जाना जाता है। इसे 12वीं शताब्दी के मध्यकाल में राजा रावल जैसल द्वारा स्थापित किया गया था और अभी के समय में कई रचनात्मक कलाओं, स्थानीय ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों और परित्यक्त गांवों के साथ जैसलमेर राजस्थान के शाही विरासत का एक टुकड़ा बनकर उभरा है। पर्यटक यहां पीले पत्थर की वास्तुकला को देखने के लिए अधिक आते हैं।
जैसलमेर में घूमने के लिए 5 बेस्ट जगह
जैसलमेर का किला
त्रिकुटा हिल पर स्थित जैसलमेर किला 12वीं शताब्दी में भाटी के राजपूत शासक राव जैसल द्वारा बनाया गया था। किले को पीले बलुआ पत्थर से निर्माण किया गया है। इसके वास्तुशिल्प डिजाइन में नक्काशीदार खिड़कियां, अद्भुत दरवाजे और दीवारें हैं। इसके अलावा किले के अंदर स्थित दो कैनन बिंदु, जो आपको जैसलमेर शहर का एक अद्भुत मनोरम दृश्य प्रदर्शन करता हैं। इसलिए जब भी आप राजस्थान जाने का प्लान बनाएं, तो एक बार जैसलमेर किला का मनोरम दृश्य को जरूर देखें।
सैम सैंड ड्यून्स
सैम सैंड ड्यून्स जैसलमेर के किला से लगभग 42 किलोमीटर दूर स्थित है। जहां पर आप राजस्थानी लोग की ग्रामीण संस्कृति को देख सकते हैं। साथ ही वहां के जिप्सियों के देहाती और मिट्टी के संगीत और लोक नृत्य भी देख सकते हैं। सैम सैंड ड्यून्स की यात्रा का सबसे अच्छा समय जैसलमेर डेजर्ट फेस्टिवल के समय को माना जाता है।
गदिसर लेक
गदिसर लेक जैसलमेर के पर्यटक स्थलों में से एक है, जिसे 14वीं सदी में जल संरक्षण टैंक के रूप में बनाया गया था। जो अभी एक लोकप्रिय पर्यटन स्थान के रूप में जाना जाता है। यह झील जैसलमेर के कई मंदिरों को एक साथ घेरती है, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध मंदिर ‘कृष्ण मंदिर’ को माना जाता है, जो तिलोन गेट पर के ऊपर स्थित है। यह लेक सर्दियों के समय में घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है। क्योंकि यहां सर्दियों के समय में प्रवासी पक्षी आते हैं और पक्षी देखना जैसलमेर का पसंदीदा गतिविधि बन गया है।
पटवों की हवेली
जैसलमेर में घूमने के जगहों में से एक पटवों की हवेली भी है। यह राजस्थान की सबसे बड़ी हवेलियों में से एक है, जो बढ़िया दीवार चित्रों, सुंदर बालकनियों के लिए जाना जाता है। इस हवेली को पांच भव्य हवेलियों का एक समूह से बनाया गया है। इसे 19वीं सदी में गुमानचंद पटवा द्वारा निर्माण कराया गया था, जिसे वह अपने बेटे को भेट स्वरूप इस हवेली को दी थी। अगर आप कभी भी जैसलमेर जा रहे हो, तो इस हवेली को जरूर देखें।
व्यास छतरी
जैसलमेर का व्यास छतरी भी पर्यटक स्थलों में एक माना जाता हैं। यह रेत के टीलों के बीच में एक अद्भुत और वास्तुकला की प्रदर्शन करता है। ऐसा माना जाता है कि यह किला व्यास को समर्पित, जिन्होंने हिंदू धर्म के महाकाव्य महाभारत को पूरा किया था। यहां घूमने का सबसे अच्छा समय सूर्यास्त के समय को माना जाता है।