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Solar Energy in Thar Desert: ऊर्जा के बढ़ते उपयोगों के कारण आए दिन यह मांग होती है कि राजस्थान के थार रेगिस्तान को सोलर प्लेट से ढक दिया जाए, लेकिन ऐसा करना कई कारणों से संभव नहीं है।

Solar Energy in Thar Desert: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा थार रेगिस्तान के मरुस्थलीय इलाके में आता है। ऐसे में यह इलाका न तो बहुत अधिक उपजाऊ है और न ही यहां बस्ती बसाई जा सकती है। यह एक बंजर और वीरान भूमि बनकर रह गया है।

ऐसे में कई बार लोगों के मन में ख्याल आता है कि क्यों न राजस्थान के इस भूभाग का उपयोग किया जाए और यहां सोलर प्लेट्स लगाकर ऊर्जा का उत्पादन किया जाए। लेकिन यह जितना आसान सुनने में लगता है, असल में उतना आसान है नहीं। आइए जानते हैं क्यों राजस्थान के थार मरुस्थलीय इलाके में सोलर प्लेट्स लगाना मुश्किल है।  

सौर ऊर्जा किस प्रकार से है सहायक?

यूं तो सौर ऊर्जा की बहुत अधिक बढ़ती मांगों को देखकर यह विचार सबसे बेहतरीन समाधान लगता है, क्योंकि इससे प्रदूषण भी कम हो जाएगा और लोगों की मांगें भी पूरी की जा सकेंगी। लेकिन फिर भी सरकार इसके ऊपर काम नहीं करती है। इसके पीछे दो कारण हैं।  

क्या है चुनौतियां? 

रख रखाव के खर्च:

बढ़ती जनसंख्या के साथ हमारी ऊर्जा की मांगों में भी बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में थार रेगिस्तान में सोलर प्लेट लगाने का सुझाव वैसे तो बहुत ही बेहतर सुझाव है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि थार रेगिस्तान में रेतीले बवंडर और तूफान आते रहते हैं।

ऐसे में महंगे सोलर प्लेटों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है। इसका मतलब यह है कि अगर सोलर प्लेट लगा भी दिया गया, तो कुछ समय बाद उसे फिर से बदलवाना पड़ेगा। और सोलर प्लेट सिलिका से बने होते हैं, जिसके भंडार सीमित हैं। इस वजह से सोलर प्लेट महंगे बनते हैं। यह सरकार के लिए बहुत ही घाटे का प्रोजेक्ट हो जाएगा।  

जल की उपलब्धता:

इसके अलावा दूसरी सबसे बड़ी समस्या होती है साफ-सफाई की। दरअसल, सोलर प्लेट को समय-समय पर साफ करना होता है, क्योंकि कई बार सोलर प्लेट पर धूल-मिट्टी की मोटी परत जम जाती है। इससे सोलर प्लेट में उतनी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन नहीं हो पाता है।

अगर राजस्थान के थार रेगिस्तान में सोलर प्लेट लगाया जाएगा, तो वहां चलने वाले बवंडरों के कारण सोलर प्लेट्स पर जमी धूल की मोटी परत को साफ करने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की आवश्यकता होगी, जो राजस्थान जैसे रेगिस्तानी राज्य के लिए जल संकट को और अधिक बढ़ाने का कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त, इस कार्य के लिए बहुत अधिक मानव संसाधन की भी आवश्यकता होगी और सरकार को इस पर बहुत अधिक खर्च करना पड़ेगा।

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