Taj Mahal In Rajasthan History: दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल भले वर्तमान में उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित है। लेकिन जब इस ताजमहल का निर्माण हुआ था, तब यह राजस्थान की धरती पर स्थित था। यह हम नहीं बल्कि इतिहासकार और उससे जुड़ी किताबें कह रही हैं।
आगरा में ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ था, जो करीब 20 साल बाद 1653 में पूरा हुआ। इसे यूनेस्को ने 2007 में दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया था। ताजमहल के निर्माण में लगभग 20 हजार मजदूरों ने काम किया था। वर्तमान में ताजमहल उत्तर प्रदेश की धरती पर स्थित है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजमहल राजस्थान की धरती पर बनाया गया था। आइए जानते हैं कि आखिर कैसे ताजमहल, राजस्थान की धरती पर बना था।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक ताजमहल की जमीन राजस्थान में आमेर के कच्छवाहों की जायदाद हुआ करती थी। तब यह पूरा इलाका राजस्थान का माना जाता था। जिसके ऊपर मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज के लिए ताजमहल बनवाया था। ताजमहल बनवाने के लिए मुगल सम्राट शाहजहां ने राजस्थान के आमेर के कच्छवाहों से जमीन खरीदी थी। इस जमीन के बदले मुगल सम्राट शाहजहां ने कच्छवाहों को चार हवेलियां दी थी। दरबारी इतिहासकार हमीद लाहौरी के मुताबिक भी शाहजहां ने कच्छवाहों से जमीन खरीद कर ताजमहल बनवाया था।
दूसरी तरफ भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल के राज में यह पूरा क्षेत्र राजस्थान के अधीन था। भरतपुर का साम्राज्य की सीमा आगरा, धौलपुर, मैनपुरी, हाथरस, अलीगढ़, इटावा, मेरठ, रोहतक, मेवात, रेवाड़ी, गुरुग्राम तक फैला हुआ था।
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी कर चुकी हैं दावा
राजस्थान की राजकुमारी और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने दावा किया कि शाहजहां ने आमेर के राजघराने की जमीन को हड़प कर ताजमहल बनवाया था। उनके पास इसके पुख़्ता दस्तावेज भी हैम। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दावा किया था शाहजहां ने आमेर के राजघरानों की जमीन हड़पी थी। इसके बाद उस जमीन पर ताजमहल का निर्माण करवाया।
ताजमहल की खासियत क्या है
ताजमहल की खासियत है कि यह यमुना नदी के किनारे स्थित है। ताजमहल दिन में अपना तीन बार रंग बदलता है। माना जाता है कि मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का बनवाया था। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग इसे शिव मंदिर भी मानते हैं।