Trinetra Ganesh: आपने हमेशा सुना होगा कि शिव शंकर त्रिनेत्री हैं यानी उनकी तीन आँखें हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि गणेश जी भी त्रिनेत्री हैं? अगर नहीं, तो बात दें कि राजस्थान के रणथंभौर किले में गणेश जी का सबसे पुराना और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर सवाई माधोपुर से लगभग 13 किलोमीटर दूर रणथंभौर किले में है। इस मंदिर में तीन आंखों वाले गणेश जी की मूर्ति सपरिवार विराजमान है।
सपरिवार विराजमान हैं श्री गणेश
इस मंदिर में श्री गणेश अपने पूरे परिवार के साथ विराजमान हैं। यहां गणेश जी अपनी दोनों पत्नियां रिद्धि और सिद्धि के साथ ही पुत्र शुभ और लाभ भी विराजमान हैं।
मंदिर का इतिहास :
गणेश जी ने स्वप्न में दिए राजा को दर्शन
यह मंदिर काफी पुराना है तो इसका इतिहास तो दिलचस्प होगा ही। कहा जाता है कि 1299 ईसवी में रणथंभौर दुर्ग पर राजा हमीरदेव और अलाउद्दीन खिलजी के बीच युद्ध हुआ था। युद्ध से पहले जहां राजा रहा करते थे, वहां उन्होंने खाने-पीने का सामान और जरूरी चीजें रख लीं। यह युद्ध 1299-1302 तक चला। इतने लंबे समय तक युद्ध होने के कारण गोदाम खाली होने लगे।
वहीं अलाउद्दीन खिलजी ने किले को चारों ओर से घेर लिया। हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। कहा जाता है कि राजा गणेश जी के भक्त थे। इसलिए गणेश जी ने उनके सपने में आकर कहा कि तुम परेशान न हो और मेरी पूजा करो, सब ठीक हो जाएगा। सब ठीक हो जाने के बाद मेरी बताई जगह पर मंदिर बनवाना।
खत्म हुईं समस्याएं
स्वप्न के अगले दिन किले की दीवार पर गणेश जी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हो गयी। कुछ समय बाद युद्ध भी खत्म हो गया, जिसमें राजा हमीरदेव की जीत हुई। इसके बाद राजा ने गणेश जी की बताई जगह पर ही मन्दिर बनवाया।
देश दुनिया से भेजे जाते हैं पत्र
आपको जानकर हैरानी होगी कि भक्त भगवान श्री गणेश को पत्र लिखकर अपनी समस्याएं बताते हैं और यहां भेजते हैं। कहा जाता है कि भगवान श्री गणेश उनकी समस्याओं को दूर भी करते हैं। पत्र भेजने के लिए पता- त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथंभौर दुर्ग, सवाई माधोपुर, राजस्थान-322021 है।
कैसे पहुंचें मंदिर
अगर आप भी गणेश मंदिर जाना चाहते हैं तो आप सड़क मार्ग, रेल सेवा या हवाई जहाज की मदद से भी यहां पहुंच सकते हैं। ये मंदिर सवाई माधोपुर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर है। ये मंदिर विश्व धरोहर में शामिल रणथंभौर दुर्ग के अंदर है।