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Ajmer Dargah Case: राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह के संकटमोचन महादेव शिव मंदिर होने के हिंदू सेना के दावे के बीच ही अब एक और हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने मंदिर होने का दावा ठोक दिया है।

Ajmer Dargah Case: राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह के मंदिर होने को लेकर विवाद अब और गहरा गया है। आज हुए एक नए घटनाक्रम में हिंदू सेना के पश्चात अब और हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने भी दरगाह के मंदिर होने का अभिलिखित दावा ठोंक दिया है। संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार अपने अधिवक्ता के साथ दरगाह के मंदिर होने के संबंध में संरक्षित अभिलेखों के साथ न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। इसके आधार पर ही न्यायालय से दरगाह के मंदिर होने की जांच सरकार द्वारा कराने की मांग करेंगे।

जानें क्या है पूरा मामला

राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह के संकट मोचन महादेव शिव मंदिर होने के हिंदू सेना के दावे के मध्य ही अब एक और हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने दरगाह के मंदिर होने का दावा ठोक दिया है। संगठन के संस्थापक और अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया कि यह दरगाह नहीं अपितु हमारा पवित्र मंदिर है। जिसके अभिलेखित साक्ष्य हमारे पास हैं।

उन्होंने बताया कि इससे पहले भी 25 मई 2022 को राज्य के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को इस संबंध में पत्र लिखकर अवगत करा चुके थे। जिसके बाद उन्होंने एक जनजागरण अभियान भी चलाया था, जिसके साथ लगभग 3 लाख लोग जुड़ चुके हैं। इनमें से लगभग 2 लाख 67 हजार ने इस दावे को लेकर सीएम भजनलाल को पत्र लिखा है। जबकि इसी वर्ष के आरंभ में 31 जनवरी को उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति महोदया को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया था।

अजमेर कोर्ट में करेंगे प्रस्तुत

संगठन अध्यक्ष परमार ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि अजमेर की शेख मुईनुद्दीन चिश्ती दरगाह के मंदिर होने के संबंध में अजमेर स्थित न्यायालय में वाद दायर करेंगे। जिसके लिए वह अपने मित्र और उच्चतम न्यायालय के जाने माने वकील एपी सिंह और अपने लगभग 250 साथियों के साथ सोमवार 9 दिसंबर को अजमेर न्यायालय में प्रस्तुत होंगे। इसके साथ ही अपने बयान में उन्होंने कहा कि इससे पूर्व हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता की याचिका पर न्यायालय द्वारा संबंधित पक्षों को जवाब देने के लिए नोटिस जारी करने को स्वागत योग्य कदम बताया। यह सनातनी हिंदुओं के लिए आनंद की बात है।

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