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विधानसभा सत्र से पूर्व ही राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य कर्मियों की बहुप्रतीक्षित वेतन विसंगतियों में सुधार को लेकर खेमराज कमेटी के सुझावों को स्वीकृति प्रदान कर दी।

Khemraj Committee in Rajasthan: आगामी विधानसभा सत्र के आरंभ होने से पूर्व ही राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेकर सभी वर्गों के चेहरे खिला दिए। इसी क्रम में शनिवार 1 दिसंबर को सीएम भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में कैबिनेट की एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें राजस्थान सरकार ने राज्य कर्मियों की बहुप्रतीक्षित वेतन विसंगतियों में सुधार को लेकर खेमराज कमेटी के कई सुझावों को स्वीकृति प्रदान कर दी।

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा के समय ही सीएम भजनलाल ने पूर्व में ही वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार संबंधी सुझावों को 1 सितंबर 2024 से लागू करने की घोषणा कर दी थी।   

लंबे संघर्ष के पश्चात गठित हो सकी थी कमेटी

बता दें कांग्रेस की पिछली अशोक गहलोत सरकार से राज्य कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों का वेतन विसंगतियों एवं वेतन सुधार संबंधी अपनी मांगों को लेकर लंबे समय तक संघर्ष चला था। तब जाकर तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने बजट सत्र 2021-22 में एक उच्चस्तरीय समिति के गठन की घोषणा की थी। बजट घोषणा के क्रियान्वयन के मध्य ही एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक सेवा के अधिकारी खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया। जिसका नाम कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति रख दिया था।

जिसके बाद इस समिति ने कर्मचारी संगठनों की मांगों का विश्लेषण तथा अध्ययन किया। जिसके बाद इस समिति ने एक विस्तृत अंतरिम रिपोर्ट को तैयार कर सबसे पहले 2 फरवरी 2022 को पेश कर दिया था। आसन्न चुनावों को देखते हुए खेमराज कमेटी ने भी अपनी अंतिम रिपोर्ट तत्कालीन सीएम गहलोत को सौंप दिया था। लेकिन किसी कारणवश अंतिम रिपोर्ट में कमेटी द्वारा सुझाए गए सुझावों को लटकाए रखा गया। जिसका वर्तमान सीएम भजनलाल ने सत्ता संभालते ही सबसे पहले लंबित इस बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट में कमेटी के सुझावों का परीक्षण करवाया गया। 

जानें कर्मचारियों की क्या थी मांगें और क्या मिलेगा लाभ 

 राज्य कर्मचारी संगठनों ने कमेटी के समक्ष अपनी निम्न मांगों को रखा था जिनमें प्रमुख रूप से-
•    वेतन विसंगतियों के अंतर्गत जैसे ग्रेड पे 2400 व 2800 का निर्धारित पे लेवल को केंद्रीय कर्मियों के अनुरूप किया जाए।
•    कर्मचारियों के संदर्भ में उनकी स्थानांतरण नीति को अधिक पारदर्शी तथा स्पष्ट बनाया जाए।
•    अपने संपूर्ण सेवाकाल में पदोन्नति के 4 अवसर उपलब्ध कराए जाएं। 
•    तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगी रोक को हटाया जाए। 
•    कोविड के दौरान जनवरी 2020 से जून 2021 तक रोके गए महंगाई भत्ते का बकाया दिया जाए। 
•    अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिन से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक की जाए।
•    संविदा कर्मियों का न्यूनतम मानदेय बढ़ाकर 18 हजार किया जाए। 

मिल सकेंगे ये लाभ 

उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि भजनलाल सरकार ने वेतन विसंगतियों, वेतन सुधार तथा पदोन्नति के अवसरों को लेकर कमेटी के सुझाए सुझावों को स्वीकृति प्रदान कर दी। इसके साथ ही संविदा कर्मियों के लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल अपॉइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल-2022 के अनुसार नियुक्त कर्मियों को अब अन्य राज्य कर्मियों की भांति 1 जनवरी तथा 1 जुलाई को वार्षिक होने वाली पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। 

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