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Rajasthan Panchayat Election: भजनलाल सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के बीच सरपंचों के कार्यकाल बढ़ा दिया। सरपंचों को ही प्रशासक बनाकर एक राज्य एक चुनाव कराने का रास्ता पूरी तरह साफ कर दिया।

Rajasthan Panchayat Election: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ा कदम उठा लिया है। लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में एक राज्य एक चुनाव के लगाए जा रहे कयासों पर आज विराम लगा दिया। भजनलाल सरकार ने एक बड़े घटनाक्रम में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन प्रक्रिया के बीच सरपंचों के कार्यकाल को विस्तार देकर उनके चेहरे पर खुशी ला दी।

राजस्थान सरकार ने सरपंचों को ही प्रशासक बनाकर एक राज्य एक चुनाव कराने का रास्ता अब पूरी तरह साफ कर दिया। राज्य सरकार ने अपने इस फैसले के पीछे मध्य प्रदेश सरकार के मॉडल को प्राथमिकता दी है। जहां सरपंचों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी प्रशासक के तौर पर जिम्मेदारी निवर्तमान सरपंचों को ही दे दी है। बता दें राज्य के सरपंच भी खुले तौर पर किसी सरकारी प्रशासक की नियुक्ति के बिल्कुल खिलाफ थे।  

एक राज्य एक चुनाव की तैयारी

माना जा रहा है कि राजस्थान सरकार डबल इंजन सरकार के तौर पर पीएम मोदी के महत्वाकांक्षी चुनाव सुधार एक देश एक चुनाव की दिशा को आगे ले जा रही है। जिसके तहत एक राज्य एक चुनाव का मॉडल प्रशासनिक मशीनरी अधिक सदुपयोग करने तथा बड़ा आर्थिक खर्च बचाना है। वन स्टेट वन इलेक्शन प्रणाली से वित्तीय प्रबंधन के साथ मानव संसाधन की भी बचत होगी।

राज्य के विकास के फैसलों में आने वाली भावनात्मक बाधाओं से परे सरकारें कड़े फैसले ले सकेगी। राज्य सरकार का यह फैसला वृहद चुनाव सुधार की दिशा में तथा पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत दिए प्रावधानों के अनुरूप लिया गया है। इस फैसले के बाद सभी ग्राम पंचायतों तथा समितियों का काम सुचारू रुप से चलता रहेगा।

ये है इस फैसले के पीछे की वजह

बता दें राजस्थान में कल 17 जनवरी 2025 को 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। अतः अपरिहार्य कारणों से पंचायती राज विभाग के द्वारा पंचायत चुनावों को आयोजित कराना संभव नहीं हो पा रहा था। उसके निराकरण के लिए राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए निवर्तमान सरपंचों के ही कार्यकाल को आगे बढ़ाने का भजनलाल सरकार ने फैसला किया है।

प्रशासकीय समितियों का गठन

भजनलाल सरकार द्वारा निवर्तमान सरपंचों को ही प्रशासक नियुक्ति की सरकारी अधिसूचना जारी करने के साथ ही पंचायतों के संचालन को सुचारू चलने के लिए प्रशासकीय समिति का भी गठन कर दिया है, जिसमें उप सरपंच तथा वार्ड पंचों को मिलाकर गठन किया है। इस अधिसूचना के माध्यम से ही प्रशासकीय समिति की भी भूमिका को रेखांकित किया गया है।

अधिसूचना के अनुसार प्रशासकीय समिति की भूमिका पंचायत के समस्त कार्यों के नीतिगत फैसलों को प्रशासक के साथ मिलकर करने होंगे। इसके साथ ही पंचायतों के द्वारा आयोजित बैठकों में लिए जाने फैसलों पर अपना सुझाव देने का रहेगा। अन्य कोषीय कार्य हेतु ग्राम पंचायतों के बैंक खातों का संचालन निवर्तमान सरपंच तथा संबंधित ग्राम विकास अधिकारी मिलकर करेंगे। इस प्रशासकीय समिति का कार्यकाल नवगठित ग्राम पंचायत की प्रथम बैठक से एक दिन पूर्व तक रहेगा।     

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