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राजस्थान में भजनलाल सरकार ने राज्य में नया हिल बायलॉज लागू करने की मंजूरी दे दी है। जो अंधाधुंध और अनियोजित ढंग से पहाड़ों पर हो रहे नए निर्माण पर अंकुश लगाने का काम करेगा।

Bhajan Lal Government Implemented New Hill Bylaws: राजस्थान में भजनलाल सरकार ने राज्य में नया हिल बायलॉज लागू करने की मंजूरी दे दी है। ये नया हिल बायलॉज पहाड़ों पर हो रहे अंधाधुंध और अनियोजित ढंग से हो रहे नए निर्माण पर अंकुश लगाने का काम करेगा। इसके लिए नए बायलॉज में कई बढ़े और कड़े प्रावधान किए गए हैं। ताकि पहाड़ों की ढाल पर पहाड़ी क्षेत्र को अंधाधुंध तरीके से काटकर फार्म हाउस, रिजॉर्ट, मोटल्स तथा एम्यूजमेंट पार्क इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है।

तीन श्रेणियों में बांटे पहाड़ी क्षेत्रों को

भजनलाल सरकार के इस नए हिल बायलॉज में राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों को 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो अ, ब तथा स श्रेणी में होंगे। इसके अनुरूप ही पहाड़ी क्षेत्रों में मास्टर तथा जोनल विकास योजना निर्धारित की गई है। इसके अनुसार अब 8 से 15 डिग्री स्लोप (ढलान) पर ही निर्माण कार्य की अनुमति होगी। इस निर्माण के अंतर्गत निर्माणकर्ता को भूमि के 40 प्रतिशत भाग पर अनिवार्य रूप से सघन वृक्षारोपण करना होगा। वहीं इससे अधिक स्लोप वाली पहाड़ी क्षेत्र अब ‘नो कंस्ट्रक्शन’ जोन होगा। बता दें इससे पहले अभी तक 60 डिग्री स्लोप तक पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण करने की वैध अनुमति थी। इस नए हिल बायलॉज को लाने का खास उद्देश्य प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रभावित होने से बचाया जा सके। इसके साथ ही मानव निर्मित निर्माणों ( नहर, नाला तथा स्टार्म वाटर ड्रेन) की इन क्षेत्रों से उचित दूरी निर्धारित रहे।  

जानें क्या हैं नए हिल बायलॉज के प्रावधान

• फार्म हाउस के निर्माण में न्यूनतम 500 वर्ग मीटर तथा अधिकतम 5000 वर्ग मीटर में होगा।
• रिसॉर्ट का निर्माण न्यूनतम 2 हेक्टेयर के 20 प्रतिशत क्षेत्रफल में अधिकतम 9 मीटर ऊंचाई तक कर सकेंगे।
• एम्यूजमेंट पार्क के निर्माण में 5 हेक्टेयर के 10 प्रतिशत क्षेत्रफल में होगा। जहां झूलों इत्यादि उपकरणों की
ऊंचाई अधिकतम 9 मी. होगी।
• बेसमेंट का निर्माण नहीं कर सकेंगे।

ये हैं वो 3 श्रेणियां-

श्रेणी ‘अ’- इस श्रेणी के अंतर्गत 8 डिग्री स्लोप आवास योजना तथा कमर्शियल गतिविधि की अनुमति
श्रेणी ‘ब’- इस श्रेणी में 9-15 डिग्री स्लोप तक होटल, रिसोर्ट, फार्म हाउस, प्राकृतिक चिकित्सा, वेलनेस सेंटर, कैंपिंग साइट, एम्यूजमेंट पार्क तथा ऊर्जा संयंत्र बना सकेंगे।
श्रेणी ‘स’- इस श्रेणी में 15 डिग्री से अधिक का स्लोप ‘नो कंस्ट्रक्शन’ जोन होगा।

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