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राजस्थान सरकार ने ‘जन्म-मृत्यु संशोधित नियम 2025’ की अधिसूचना जारी कर इसे राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है। समय पर पंजीकरण न कराने पर 20 गुना जुर्माना देना होगा।

Bhajan lal Government Notifies New Rajasthan Birth-Death Amendment Rules 2025: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जन्म-मृत्यु पंजीकरण से जुड़े नए नियम लागू कर दिए हैं। राजस्थान सरकार ने ‘जन्म-मृत्यु संशोधित नियम 2025’ की अधिसूचना जारी कर इसे राजस्थान राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है। नए संशोधित नियम के अनुसार सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जन्म-मृत्यु की सूचना देने में किसी भी प्रकार की देरी अथवा समय पर पंजीकरणपंजीकरण न कराने पर तय शुल्क से 20 गुना जुर्माना देना होगा।

प्रवासी राजस्थानियों को हो सकती है परेशानी

नया ‘जन्म-मृत्यु संशोधित नियम 2025’ आम जनता के साथ ही सर्वाधिक प्रवासीप्रवासी राजस्थानियों के लिए कई परेशानियों का सबब बन सकता है। ऐसे राजस्थानी जो राज्य से बाहर अपने परिवार सहित रहते हैं, उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के जन्म-मृत्यु पंजीकरण कराने में स्वाभाविक रूप से देरी हो सकती है। अतः उनको समय पर पंजीकरण न करा सकने की स्थिति में सर्वाधिक जुर्माना भरना पड़ सकता है।

   
जानिए नए नियमों के प्रावधान

• जन्म/मृत्यु की सूचना 21 दिन में देने पर पूर्व में मात्र 1 रुपए विलंब शुल्क वसूला जाता था। लेकिन नए नियमानुसार अब 30 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर विलंब शुल्क 20 रुपए कर दिया गया है।
• 30 दिनों के बाद लेकिन 1 वर्ष के अंदर जन्म-मृत्यु पंजीकरण कराने पर अब 50 रुपए तथा 1 वर्ष बाद कराने पर 100 रुपए विलंब शुल्क देना होगा।
• 30 दिनों के बाद लेकिन 1 वर्ष के अंदर जन्म-मृत्यु पंजीकरण कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी को अधिकृत किया गया है।
• चिकित्सा संस्थानों के द्वारा 21 दिनों के अंदर पंजीकरण न करने पर पहले 50 रुपए जुर्माना था, जिसे नए नियम में बढ़ाकर 250 से 1000 रुपए तक कर दिया गया है।
• विलंबित पंजीकरण के लिए अब नोटरी सत्यापन की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।
• यदि कोई आवेदक रजिस्ट्रार अथवा जिला रजिस्ट्रार के फैसले से असंतुष्ट है, तो वह उच्च स्तर पर अपील कर सकता है।

समय पर पंजीकरण न कराने से होंगी समस्याएं

नगर परिषद आयुक्त दलीप पूनिया ने कहा कि जन्म-मृत्यु पंजीकरण समय पर करवाना आवश्यक और अनिवार्य है। क्योंकि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में इन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता पड़ती है। विशेषकर मृत्यु पंजीकरण कराने में लापरवाही पर सर्वाधिक समस्या दावों को लेकर होती है।

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