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Rajasthan Government: भजनलाल सरकार ने राजस्थान को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरू कर दिया है, इस दिशा में सीएम ने विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक को आयोजित किया है।

Rajasthan Government: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राइजिंग राजस्थान समिट 2024 के 35 लाख करोड़ के एमओयू को जमीनी स्तर पर उतारने का काम शुरू कर दिया है। इस दिशा में ऊर्जा विभाग के एनर्जी सेक्टर में हुए विभिन्न एमओयू की समीक्षा बैठक को आयोजित की गई। इस दौरान सीएम भजनलाल ने विभाग के उच्चाधिकारियों को सभी प्रोजेक्ट की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए।

राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य को ऊर्जा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही राज्य की जनता को 24 घंटे बिजली आपूर्ति देने का प्रयास है। ताकि राज्य के किसानों को दिन में निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके। 2027 तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार का मानना है कि सभी प्रोजेक्ट को समयबद्ध ढंग से पूरा किया जा सके।

हर माह सीएम ने मांगी प्रगति रिपोर्ट

सीएम भजनलाल ने बैठक में कहा कि राज्य की जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति की दिशा में सरकार गंभीरता से आगे बढ़ रही है। अतः विभाग के अधिकारी समिट में आए निवेश के माध्यम से राज्य की राजस्व बढ़ोतरी के हर संभव प्रयास करें साथ ही सीएम ऑफिस को हर माह की 11 और 26 तारीख को इस संबंध में मॉनिटरिंग की प्रगति रिपोर्ट को भेजें।

ऊर्जा के इन सेक्टर में हुए हैं एमओयू

राइजिंग राजस्थान समिट 2024 में राजस्थान के ऊर्जा विभिन्न सेक्टरों में निजी क्षेत्र के उद्यमियों ने निवेश कर विश्वास जताया था। जिसके लिए हजारों करोड़ के एमओयू साइन किए गए। इन प्रोजेक्ट्स में रिन्यूबल एनर्जी पार्क, ग्रीन हाइड्रोजन, हाइब्रिड ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट, विंड प्रोजेक्ट, सीएनजी, तथा थर्मल प्रोजेक्ट्स के साथ कई अन्य प्रोजेक्ट्स में एमओयू साइन कर भारी निवेश किया है।

सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा कर निवेशकों के विश्वास को बनाए रखने को बढ़ावा मिले। ताकि इनके क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा बनाई कार्ययोजना को धरातल पर शीघ्रातिशीघ्र उतारकर आम जनता को इसका लाभ पहुंचा सकें।

नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें अधिकारी

सीएम ने समीक्षा बैठक में सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि निवेशकों को किसी भी प्रकार की ब्यूरोक्रेटिक समस्या नहीं आनी चाहिए। यदि इस तरह की किसी भी प्रकार की प्रकियात्मक समस्या की शिकायत विभागीय स्तर पर सामने आती है, तो अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अतः अधिकारी अपने स्तर पर मॉनिटरिंग सुनिश्चित कर नियमित समीक्षा रिपोर्ट को सीएम कार्यालय को निश्चित तारीख पर भेजते रहें। 

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