Rajasthan Politics: राजस्थान में पंचायती चुनाव का मामला लगातार सुर्खियों में है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार के द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने के फैसले पर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। अब इसी मुद्दे पर राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सी. बी. यादव ने इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा है।
सी. बी. यादव ने लिखा पत्र
राजस्थान कांग्रेस के राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सी. बी. यादव ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पंचायत के चुनाव की प्रक्रिया को समय पर करवाने के लिए पत्र लिखा। सी. बी. यादव ने पत्र भेज कर वर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने के निर्णय पर कांग्रेस की ओर से विरोध किया है। उनका कहना है कि यदि समय पर चुनाव नहीं हुए तो निर्णय संविधान के अनुच्छेद 243 ई और राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 95 के विरुद्ध माना जाएगा।
क्या कहता है संविधान?
भारतीय संविधान के 243 ई में पंचायती राज अधिनियम से संबंधित कुछ नियम एवं कानून का प्रावधान किया गया है। संविधान के पंचायती राज अधिनियम में साफ-साफ लिखा गया है कि यदि किसी पंचायत के 5 साल की कार्यकाल का समापन हो गया है, तो किसी भी परिस्थिति में कार्यकाल को ना ही बढ़ाया जाएगा और ना ही चुनाव को स्थगित किया जाएगा। सी. बी. यादव ने इसी नियम का हवाला देते हुए भजन लाल सरकार का विरोध किया है।
क्या है मामला?
दरअसल इस विवाद के उठने के पीछे का कारण भजनलाल सरकार का एक आदेश था। भजनलाल सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि गुरुवार को सरपंचों को प्रशासक बनाकर पंचायत का संचालन करवाया जाए। राजस्थान में 6759 ऐसे ग्राम पंचायत थे जिनका कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त हो रहा था।
अपने निर्णय से लगभग एक माह पहले तक राजस्थान सरकार ने मध्य प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड आदि राज्यों में अपनाए गए मॉडल पर विचार किया। इसके पश्चात सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया था। इसके साथ-साथ सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल से भी इस विषय पर चर्चा की गई थी जिसमें सरपंचों ने भी सहमति जताई थी।
ये भी पढ़ें - पहले हरियाणा में चला था...अब दिल्ली में चलेगा भजनलाल का जादू, जानें बतौर स्टार प्रचारक कैसा है रिपोर्ट कार्ड