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राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जयपुर ग्रेटर तथा जयपुर हैरिटेज के लिए अब एक ही मेयर चयन करने का निर्णय किया है, जिससे अब 250 वार्डों का पुनर्गठन कर मात्र 150 वार्ड ही रह जाएंगे।

Jaipur Nagar Nigam: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने जयपुर ग्रेटर तथा जयपुर हैरिटेज के लिए अब एक ही मेयर चयन करने का बड़ा निर्णय किया है। इसके साथ ही 3 उपखंडों के 78 गांवों को भी नगर निगम सीमा के अंतर्गत जोड़ने का फैसला किया गया है। इसे राजधानी के शहरी विकास की दिशा में राजस्थान सरकार का एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। सरकार के इस फैसले के बाद 32 लाख की जनसंख्या वाले जयपुर में एक बड़ा भौगोलिक बदलाव होने जा रहा है, जिससे अब जयपुर में 250 वार्डों का पुनर्गठन कर मात्र 150 वार्ड ही रह जाएंगे।

30 साल बाद हुआ सीमा विस्तार

राजधानी जयपुर के शहरी विकास को देखते हुए भजनलाल सरकार ने 30 साल बाद जयपुर नगर निगम में 3 उपखंड़ो के 78 नए गावों को निगम की सीमा अंतर्गत जोड़ने की स्वीकृति दे दी है। हालांकि जिला निर्वाचन शाखा ने 80 गांवों को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन नगरीय विकास एवं आवासीय मंत्री के साथ निगम के विचार-विमर्श के बाद 78 गांवों को ही शामिल करने की स्वीकृति दी गई। यह कदम राजधानी के जयपुर के विकास में नया अध्याय बताया जा रहा है।

6 साल बाद फिर से हुआ एकीकरण

बता दें जयपुर नगर निगम का गठन 1994 में किया गया था। तब इस निगम में कुल 70 वार्ड होते थे। समय के साथ बढ़ती जनसंख्या के कारण पहली बार 2004 में निगम का पुनर्गठन कर वार्डों की संख्या को बढ़ाकर 77 कर दिया गया था। इसके बाद फिर से 2014 में निगम का पुनर्गठन किया गया। इस बार कुल वार्डों की संख्या 91 कर दी गई। लेकिन सीमा विस्तार नहीं किया गया। इसके बाद साल 2019 में गहलोत सरकार ने नगर निगम को 2 हिस्सों में बांटकर जयपुर ग्रेटर तथा जयपुर हैरिटेज नगर निगम बना दिए। इनमें क्रमशः 150 तथा 100 वार्ड थे। अब 6 साल बाद फिर से भजनलाल सरकार ने निगमों का एकीकरण कर कुल वार्ड़ों की संख्या को 150 करने की स्वीकृति दे दी है। आने वाले नगर निकाय चुनावों के पूर्व की पुनर्गठन प्रक्रिया है।

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