MGNREGA worker can Work 7 hours in Rajasthan: उत्तर भारत में गर्मी ने दस्तक दे दी है। राजस्थान में भी गर्मी ने दस्तक दे दी है। उसमें भारत का राजस्थान देश में सबसे भीषण गर्मी वाला राज्य है। जहां गर्मियों में दिन का अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक को आमतौर पर छू जाता है। ऐसे में सबसे अधिक संकट उन श्रमिक वर्ग के लिए होता है, जिन्हें दिन के समय खुले आसमान के नीचे 8 घंटे मजदूरी करनी होती है। उनके लिए ये समय काफी चुनौतीपूर्ण होता है। विगत वर्ष हीटवेव के कारण कई श्रमिकों की जान चली गई थी। इसे देखते हुए मनरेगा श्रमिकों के लिए 7 घंटे काम करने का प्रावधान कर दिया गया है।
अब काम के 8 घंटे से घटकर 7 घंटे किया
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य में बढ़ती गर्मी को देखते हुए मनरेगा श्रमिकों के काम के घंटों को 8 घंटे से घटकर 7 घंटे कर दिया है। राजस्थान सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विभाग श्रेया गुहा ने जानकारी देते हुए कहा कि राजस्थान में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत श्रमिक समूह 8 घंटे की कार्यवधि 1 घंटे विश्राम काल के साथ निश्चित है। अतः राज्य में गर्मी को देखते हुए मनरेगा श्रमिकों के समय निर्धारण के लिए जिला कलेक्टर तथा जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी को यह उत्तरदायित्व सौंप दिया गया है। कि वह अपने स्तर से स्थानीय परिस्थितिवश समय का निर्धारण कर सकते हैं।
समय पूर्व काम खत्म करने पर छोड़ सकता है कार्यस्थल
मुख्य सचिव श्रेया गुहा ने स्पष्ट करते हुए कहा कि जिला स्तर पर जिला कलेक्टर तथा जिला कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी के द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किए जा सकते हैं। इन निर्देशों में यह प्रावधान स्पष्ट रूप से किया गया है कि जो श्रमिक समूह समय पूर्व अपना निर्धारित टास्क के अनुसार समाप्त कर लेता है तो वह कार्य की माप मेट के पास उपलब्ध मास्टर रोल के टास्क प्रपत्र में अंकित कराने के पश्चात समूह के मुखिया के हस्ताक्षर कराकर कार्य स्थल को छोड़ सकता है।
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