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राजस्थान सरकार ने डेटा सेंटर की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए निजी क्षेत्र में डाटा सेंटर्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु राजस्थान डाटा सेंटर पॉलिसी-2025 लागू कर दी है।

Rajasthan Data Center Policy-2025: राजस्थान की भजनलाल सरकार अब राज्य को पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था के ठप्पे से बाहर निकाल सर्व समावेशी विकसित राजस्थान 2047 बनाने के लक्ष्य पर चल पड़ी है। इसकी झलक विगत वर्ष राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट 2024 में साइन हुए लाखों करोड़ के एमओयू से स्पष्ट हो गया था। कैसे निवेशकों ने भजनलाल सरकार में सुरक्षित निवेश का विश्वास जताया। इसी क्रम में डेटा सेंटर की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए राजस्थान में निजी क्षेत्र में डाटा सेंटर्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु राजस्थान डाटा सेंटर पॉलिसी-2025 लागू कर दी गई है।

जानें क्यों है आज डाटा सेंटर्स महत्वपूर्ण

बता दें वर्तमान समय में सारा तंत्र डिजिटल हो चुका है। सूचना प्रौद्योगिकी हमारे जीवन की दिनचर्या का आवश्यक अंग बन चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, सेवाएं इत्यादि को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने हेतु ई-गवर्नेंस तथा ऑनलाइन सेवाओं का बड़ा योगदान है। इसलिए इस डिजिटल संसार की सभी गतिविधियों को सुरक्षित तथा निर्बाध रूप से सुचारू रखने के लिए डाटा सेंटर्स प्रमुख आधार बन चुके हैं। इन्हीं सेंटर से क्लाउड कंप्यूटिंग, को-लोकेशन तथा कंटेंट डिलीवरी के जरिए अलग-अलग डिजिटल प्लेटफॉर्म को संचालित किया जाता है। इस डाटा की सुरक्षित रखने के साथ ही डाटा केंद्र रिकवरी समाधान भी उपलब्ध कराते हैं।

कैसे बनेगा राजस्थान डाटा सेंटर्स का हब

बता दें अभी तक देश में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता तथा पुणे जैसे शहर डाटा सेंटर के केंद्र हैं। इसी प्रकार राजस्थान में भी प्रचुर मात्रा में उपरोक्त शहरों की भांति प्रचुर मात्रा में संसाधन तथा संभावनाएं उपलब्ध हैं। जिसमें स्थान, नवीकरण ऊर्जा स्रोत, तथा राजस्थान सरकार की दूरदर्शी नीति राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को राजस्थान के पसंदीदा स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इससे हजारों रोजगार का सृजन होगा तथा अनुमानतः 20 हजार करोड़ के निवेश की संभावनाओं के द्वार खुल गए हैं।

जानें क्या है नीतिगत प्रावधान

राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राजस्थान डाटा सेंटर पॉलिसी-2025 के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए हैं। इनमें 10-20 करोड़ रुपए वार्षिक एसेट क्रिएशन इंसेंटिव, 100 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाले पहले 3 डाटा सेंटर्स को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सनराइज इंसेंटिव, 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान, बैंकिग, ट्रांसमिशन तथा व्हीलिंग शुल्क 100 प्रतिशत छूट, भूमि संबंधी फ्लेक्सिबल भुगतान सुविधा, स्टांप शुल्क, लैंड यूज कन्वर्जन तथा विद्युत शुल्क छूट सहित 10 करोड़ रुपए के बाह्य विकास में छूट सम्मिलित है।

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