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Rajasthan News: भारत सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों के अनुपालन केंद्र के रूप में राजस्थान को मॉडल स्टेट चुना है। राजस्थान BNS, BNSS तथा BSA के लिए एक पायलट परीक्षण राज्य के रूप में होगा।

Rajasthan News: भारत सरकार ने तीन नए आपराधिक कानूनों के अनुपालन केंद्र के रूप में राजस्थान को मॉडल स्टेट हेतु चयन किया है। इसका आशय यह है कि राजस्थान BNS, BNSS तथा BSA के लिए एक पायलट परीक्षण राज्य के रूप में होगा। जिसके अंतर्गत जितने भी तकनीकी बदलाव करने की आवश्यकता होगी, उनको देश में सबसे पहले यहीं लागू कर उनकी विश्वसनीयता की जांच होगी। इसकी पूर्ण संतुष्टि और न्यूनतम से न्यूनतम त्रुटि रहित सिद्धि के साथ ही अन्य राज्यों में प्रक्रियाओं को लागू किया जाएगा।

राजस्थान को मॉडल स्टेट चुनने की वजह

समूचे देश में राजस्थान ही वह राज्य है, जो पुलिस व्यवस्था से लेकर न्यायिक व्यवस्था में पेपरलेस व्यवस्था अपनाने में सबसे अग्रणी है। समूची भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में एकमात्र समन प्राप्ति कराना अंतिम बदलाव रह गया है, जो अभी भी राजस्थान में कागजी और मानव श्रम के साथ तामील कराए जा रहे हैं। इस एक तकनीकी विसंगति के अतिरिक्त तीनों नए कानूनों के पूरी क्षमता से उपयोग के लिए सर्वोत्तम राज्य है।  

न्याय प्रक्रिया में आएंगे अद्वितीय बदलाव

माना जा रहा है कि पीएम मोदी के मिशन पारदर्शी न्याय व्यवस्था और सुलभ न्याय की दिशा में यह प्रक्रियात्मक बदलाव क्रांतिकारी होंगे। विगत 11 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीनों  नए आपराधिक कानूनों की समूची प्रक्रियात्मक समीक्षा की थी। उन्होंने कहा था कि न्याय व्यवस्था में आधुनिक तकनीकी प्रयोग अब समय की आवश्यकता है। इससे समूचे केस में पुलिस, न्यायालय तथा जेल व्यवस्था में तकनीक प्रयोग से न्याय मिलने में मानव श्रम की बचत के साथ ही समय की बचत करेगा। इस दिशा में गृह सचिव ने भी पिछले दिनों राजस्थान के लक्ष्य तय कर दिए हैं।

अपराधों की प्रकृति के अनुरूप बदलाव

गृह मंत्री का मानना है कि वर्तमान समय में अपराध करने की प्रकृति में बदलाव आए हैं, जब कि उनके अनुसंधान के लिए 150 वर्ष पुरानी प्रक्रियात्मक अनुसंधान अप्रासंगिक हैं। अतः वर्तमान आवश्यकता अनुरूप इन तीन नए आपराधिक कानूनों हेतु थाना, जेल तथा न्यायालयों की समूचा कार्रवाई का ऑनलाइन होना जरूरी है।

साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अनुरूप मुकदमों के अनुसंधान के लिए तकनीकी फॉरेंसिक जांच लेबोरेटरी की आवश्यकता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने 2022 में 8 राज्यों में राष्ट्रीय आपराधिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) खोलने की घोषणा की थी। जिसे पहले जोधपुर में खोला जाना था किन्तु एनएफएसयू की आपत्ति के कारण अब इसे जयपुर में खोला जाना है।  

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