rajasthanone Logo
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सामूहिक विवाह अनुदान योजना में बड़ा बदलाव कर दिया है, संस्थाओं को सरकारी अनुदान हेतु वर-वधु के विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र को 60 दिन में देना होगा।

Mukhyamantri Samuhik Vivah Evam Anudan Yojana: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सामूहिक विवाह अनुदान योजना में बड़ा बदलाव कर दिया है। राजस्थान सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार सामूहिक विवाह सम्मेलन कराने वाली संस्थाओं को विवाह हेतु सरकारी अनुदान प्राप्त करने वर-बधु के विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र को 60 दिन के अंदर प्रस्तुत करने होंगे। यदि सामूहिक विवाह आयोजित कराने वाली संस्था ऐसा करने में विफल रहती है, तब इसके अभाव में राजस्थान सरकार की ओर से वर-वधु को अनुदान नहीं मिलेगा। बता दें सामूहिक विवाह सम्मेलनों में विवाह करने वाले जोड़ों को राजस्थान सरकार अनुदान प्रदान करती है।

जानें क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना

राजस्थान सरकार महंगे होते विवाह कार्यक्रमों में होने वाले व्यय को कम करने के लिए आम जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। इन्हीं में से एक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना है, जिसके माध्यम से राजस्थान सरकार सामूहिक विवाह आयोजनों को प्रोत्साहित करने के लिए एक निश्चित अनुदान राशि प्रदान करती है। इसके अंतर्गत एक जोड़े हेतु कुल 25000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। इसमें कुल 21000 की राशि वधु के खाते में तथा शेष 4000 रुपए संस्था के खाते में हस्तांतरित किए जाते हैं। यह योजना 2021 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य सामाजिक उत्थान के साथ ही महंगे विवाह संस्कारों को राहत प्रदान करना है।

जानें क्या है पात्रता

राजस्थान सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आयोजक संस्था को सामूहिक विवाह आयोजन से 15 दिन पूर्व प्रक्रिया पूरी करनी होती है। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत एसएसओ आईडी के माध्यम से आवश्यक कागजात के साथ आवेदन करना होता है। जैसे- संस्था का पंजीकरण, वर-वधु के आयु प्रमाण पत्र, उनके पहचान पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र तथा उनके बैंक खाते की जानकारी। सरकार द्वारा जांच के बाद पात्र संस्था तथा जोड़े को अनुदान प्रदान किया जाता है। बता दें अब अनुदान राशि एकमुश्त प्रदान की जाती है।

इसे भी पढ़ें-

5379487