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Rajasthan BJP Politics: राजस्थान भाजपा ने मंडल अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों के चयन में एक बड़ा नीतिगत बदलाव किया है। प्रदेश भाजपा शीर्ष पदों पर अब अधिक से अधिक युवा नेतृत्व को आगे लाना चाहती है।

Electoral Reshuffle in Rajasthan BJP: भाजपा ने इस बार एक बड़े सांगठनिक बदलाव की नींव रख दी है। जिसका असर पार्टी और संगठन में एक नई ऊर्जा का संचार करेगा। इस मकर संक्रांति के पहले जब राजस्थान भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है। उससे पूर्व ही भाजपा ने मंडल अध्यक्षों और जिला अध्यक्षों के चयन में एक बड़ा नीतिगत बदलाव कर दिया है। राजस्थान भाजपा ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी आगामी फेरबदल में शीर्ष पदों पर अब अधिक से अधिक युवाओं को नेतृत्व के लिए आगे लाना चाहती है।

जिला स्तर पर किया बड़ा फेरबदल

राजस्थान भाजपा ने अपरिहार्य कारणों से इस बार जिला स्तर में सांगठनिक चुनावों में बड़ा नीतिगत बदलाव कर दिया है। नए मानदंडों के अनुसार अब जिलों में बनाए जाने वाले मंडल अध्यक्षों के लिए आयु सीमा को 35-45 वर्ष के मध्य निर्धारित कर दी गई है। वहीं जिलाध्यक्षों के लिए 45-60 वर्ष आयु सीमा कर दी है। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष हेतु उम्मीदवार को संगठन में कम से कम 7-8 साल बिताने होंगे।

प्रतिबद्धता ही दिलाएगी अब अवसर

राजस्थान भाजपा का मानना है कि इस नीतिगत बदलाव का असर पार्टी पर दूरगामी होगा। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने अनुशासन और समर्पण का रास्ता प्रशस्त होगा। जिसके बल पर कार्यकर्ताओं का अनुभव और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता युवा कार्यकर्ता को शीर्ष पदों पर पहुंचने का अवसर प्रदान करेगी। इसके साथ एक शर्त कि जो व्यक्ति 2 बार मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष रह चुका होगा वह तीसरी बार स्वतः अयोग्य हो जाएगा। जिसके बाद पार्टी के नए कार्यकुशल चेहरे नेतृत्व के लिए आगे बढ़ सकेंगे। इससे संगठन और पार्टी में नई ऊर्जा का संचार रहेगा।

युवा कार्यकर्ता और होगा सक्रिय

संगठन में यह नीतिगत बदलाव यह सुनिश्चित करेगा कि जो व्यक्ति जिलाध्यक्ष अथवा मंडल अध्यक्ष के उत्तरदायित्व को संभालने के लिए तैयारी कर रहा है। वो पार्टी के कार्यों के लिए अधिक प्रतिबद्धता के साथ सक्रिय हो जाएंगे। तब यह तय हो जाएगा कि पार्टी और संगठन के कार्यों में कौन पूरी निष्ठा से उत्तरदायित्व को निभाकर आगे आया है। उसे ही नेतृत्व का अवसर मिलेगा।

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