Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है, इसको लेकर तमाम पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई है, लेकिन असली टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच होने वाला है। इस चुनाव के लिए वोटिंग 13 नवंबर को कराई जाएगी, जबकि रिजल्ट 23 नवंबर को आएगा। इस उपचुनाव में सभी की खास नजर दौसा विधानसभा सीट पर रहने वाली है। बीजेपी ने इस सीट से बाबा किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को उम्मीदवार बनाया है।
बाबा ने पीएम मोदी को दिया था वचन
भारत में एक कहावत है कि 'रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई'। यह वचन कलियुग में बाबा किरोड़ी लाल मीणा पर फिट बैठता है। बाबा किरोड़ी लाल मीणा ने कहा था कि मोदी जी ने जिन सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है, अगर उन पर जीत नहीं मिली तो वह मंत्री पद छोड़ देंगे। लोकसभा चुनाव में बाबा को जिन सीटों की जिम्मेदारी मिली थी, वहां से बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकी, जिनमें से एक सीट दौसा का भी था। इसके बाद बाबा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। भले सीएम भजनलाल शर्मा ने उनके राज्य की उन्नति में योगदान को देखते हुए इसे स्वीकार नहीं किया, लेकिन बाबा किरोड़ी लाल मीणा ने भी इस पद पर अब तक नहीं बैठे। न ही किसी सुविधा का लाभ लिया।
कैसे लौट सकता है बाबा का सम्मान
अब सवाल है कि क्या बाबा किरोड़ी लाल मीणा का सम्मान दौसा की जनता लौटा सकती है। क्योंकि उनके भाई जगमोहन मीणा को बीजेपी ने उपचुनावों में दौसा से उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में अगर उनके भाई को विधानसभा उपचुनावों में जीत मिल जाती है, तो बाबा किरोड़ी का सम्मान लौट आएगा। ऐसे में बहुत अधिक संभावना है कि वह मंत्री पद का कार्यभार दोबारा से संभाल लें। मालूम हो कि राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें से 6 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।