Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले राजस्थान में बंटाधार किया, उसके बाद हरियाणा में कांग्रेस को जानबूझकर हरवाया। शायद अब अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस का बंटाधार करने चले है। अभी 25 लाख रुपये के बीमा स्कीम की बात सामने आ रही है। क्या सच्चाई है इसमें या फिर ये भी एक और झूठा दावा है।
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बहुत गंभीर थी, गहलोत की सरकार के समय में कोई सुधार देखने को नहीं मिले। अशोक गहलोत सिर्फ आंकड़े घुमा-फिरा बात किया करते थे, लेकिन जमीन पर क्या असर पड़ा, इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया गया।
गहलोत ने रखी बीमा की बात
अशोक गहलोत 25 लाख रुपये के बीमा की बात करते हैं, लेकिन क्या उन्होंने कभी सोचा कि जिन लोगों को इस स्कीम का फायदा मिलना चाहिए, क्या वो लोग सच ये स्कीम उन तक पहुंची। राजस्थान में हालत इतने गंभीर थे कि ये स्कीम सिर्फ एक झूठी उम्मीद बन कर रह गई थी। इसका सुधार के क्षेत्र में कोई योगदान देखने को नही मिला।
अशोक गहलोत का दिल्ली की राजनीति पर हाथ
अशोक गहलोत इस तरह से बातें करते हैं, जैसे उन्होंने कोई ऐतिहासिक काम कर दिया हो, जबकि हकीकत ये है कि जब इनकी सरकार थी तब राजस्थान में लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही थी, बल्कि लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे थे। कोरोना के समय तो स्थिति इतनी गंभीर थी की लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी अशोक गहलोत दिल्ली में कांग्रेस का भविष्य तय करने की बात करते दिखाई दे रहे हैं।
राजस्थान में अशोक गहलोत ने जो कुछ भी किया, जिसकी कीमत यहां के लोग अभी तक चुका रहे हैं। अब ये दिल्ली की राजनीति में अपना सिक्का उछाल रहें हैं। अभी दिल्ली में किसकी जीत होगी और किसकी मात इसका निर्णय तो वहां की जनता ही करेंगी।
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