IAS-IPS Promotion in Rajasthan: राजस्थान में लंबे समय से अधिकारियों तथा कर्मचारियों के ट्रांसफर पर रोक लगी थी। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने नववर्ष के तोहफे के रूप में इन ट्रांसफर पर रोक हटाने के साथ ही नई तबादला नीति को भी लागू कर दिया था। किंतु लगभग 3 सप्ताह बीत जाने के बाद भी पदोन्नति पा चुके कई अधिकारियों को अब तक तबादला सूची की प्रतीक्षा है। इसी क्रम में करीब 28 आईएएस तथा 28 आईपीएस अधिकारी पदोन्नति प्राप्त करने के बाद नई पोस्टिंग की प्रतीक्षा में हैं।
जानें क्या है मामला
राजस्थान सरकार ने नववर्ष 2025 के तोहफे के रूप में अधिकारियों, कर्मचारियों के ट्रांसफर पर लगी रोक को हटा लिया था इस सूचना की जानकारी मिलते ही राज्य में अधिकारियों तथा कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, जिसके साथ ही अपने-अपने मनपसंद जगहों पर ट्रांसफर की अधिकारियों में होड़ मच गई। तब से अब तक कई पदोन्नत अधिकारी अपनी नई पोस्टिंग की प्रतीक्षा में अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
बता दें राइजिंग राजस्थान इंवेस्टमेंट ग्लोबल समिट 2024 के दौरान राज्य सरकार ने 2022 बैच के 10 अधिकारियों को उद्योग विभाग में बतौर ओएसडी लगाए गए थे। किंतु समिट के बाद से सरकार ने अभी तक वापस इनके मूल पद एसडीएम नहीं लगाया। इसी बैच के अधिकांश अधिकारी अभी भी ट्रांसफर लिस्ट की प्रतीक्षा में हैं। जबकि सचिवालय के विभागीय कर्मचारियों में इन अधिकारियों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पदोन्नत होकर बने 11 आईएएस भी प्रतीक्षा में
इसी प्रकार लगभग 4 माह पूर्व ही आरएएस से आईएएस पद पर प्रोन्नति पा चुके 11 अधिकारी अभी भी आरएएस के पदों पर ही कार्यभार संभाले हुए हैं उन्हें नई नियुक्तियों की प्रतीक्षा जारी है। जबकि कोटा में संभागीय आयुक्त तथा केडीए आयुक्त सहित कई पद रिक्त पड़े हैं। वहीं 1 जनवरी 2025 को ही पदोन्नति पाने वाले मौजूदा 8 आईएएस अधिकारियों का वर्तमान पद अपग्रेड किए जा चुके हैं। अधिकारियों का मानना है कि कई अधिकारी जो अतिरिक्त प्रभार संभाले हुए हैं। उन्हें भी ट्रांसफर सूची की प्रतीक्षा है कि नई पोस्टिंग हों और कार्यभार कम हो।
इन अधिकारियों को है प्रतीक्षा
आईएएस श्रेणी में लता मनोज कुमार वर्तमान महानिरीक्षक पद से अपग्रेड होकर अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत हो चुकी हैं, किंतु अभी भी राजस्थान पुलिस एकेडमी में बतौर आईजी ही कार्यरत हैं। इसी प्रकार रणधीर सिंह, कैलाश चंद्र बिश्नोई तथा डॉ रवि डीआईजी से आईजी प्रोन्नत होने के बाद भी बतौर डीआईजी कार्य कर रहे हैं।
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