Badal Mahal: डूंगरपुर राजस्थान का सबसे स्वच्छ शहरों में से एक है, यहां के प्राचीन किले और महल शहर की खूबसूरती और भी निखार देते है। आज हम बात कर रहे है डूंगरपुर के बादल महल की जो गैप सागर नामक झील के पास में स्थित है। इसकी सुंदरता को देखने के लिए हजारों लोग बुकिंग कराते है। शहर की आय में यह सबसे बड़ा योगदान देता है। मुगल और राजपूत वास्तुकला शैली में बना यह महल विदेशी पर्यटकों के बीच काफी फेमस है। महल के पास स्थित सागर झील के तट पर आप आराम से टहल सकते है और राजस्थान की खूबसूरती का मजा ले सकते है। इसके अलावा अगर आप इतिहास में रूचि रखते है तो यहां के संग्रहालय में घूम सकते है जिसमें आपको कई प्राचीन तलवारें, धनुष, बंदूकें आदि चीजें देखने को मिलेंगी।
क्यों कहते है बादल महल ?
यह महल पहाड़ की ऊंची चोटी पर बना हुआ है जिसके कारण वह बादल को छूता हुआ दिखाई देता है, जिसके कारण यह बादल महल के नाम से जाना जाता है।
महल का इतिहास
इस महल का निर्माण दो राजाओं ने अपने-अपने समय में कराया था। पहले चरण में महाराजा गोपीनाथ ने अपने कार्यकाल में बरामदा और भूतल का निर्माण कराया था जिसके बाद राजा पुंजराज ने महल की पहली मंजिल, गुंबद और बरामदा बनवाया था।
महल की वास्तुकला
इस महल में आपको तीन गुंबद दिखाई देंगे जिनके सिर पर कमल के आकार की आकृतियां बनीं हुई है। इस महल का निर्माण राजा ने खास महमानों के रूकने के लिए बनवाया गया था।
कितने बजे खुलता है महल
महल का खुलने का संमय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक का है। इस समय पर्यटक महल के अंदर जाकर इसकी खूबसूरती को देख सकते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस महल को देखने के लिए लोगों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।