Badnor Fort Bhilwara: भारत की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का यह बदनोर किला अपनी संस्कृति और प्राचीनता के चलते देश-विदेश में प्रसिद्ध है। जिले की एक छोटी सी पहाड़ी पर बना यह किला अपनी वास्तुकला और इतिहास के कारण आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र माना जाता है। सालाना हजारों सैलानी इस इमारत को देखने और यहां के इतिहास के बारे में जानने के लिए आते हैं। सात मंजिला यह इमारत पहाड़ी की चोटी पर काफी लंबी नजर आती है। चलिए आज आपको इस किले के विषय के बारे में बताते हैं।
बदनोर किले का इतिहास
माना जाता है कि इस किले का निर्माण 'बदना' नाम के एक परमार शासक ने 845 ई. में कराया था। उन्हीं के नाम पर इसका नाम बदनोर किला रखा गया था। हालांकि इसके निर्माण की जानकारी एक शिलालेख में मिलती है, जिसके मुताबिक किले को 1439 ई. में बनवाया गया था। साथ ही इस किले का उल्लेख हमार रासो में मिलता है। किले के पास बने विष्णु मंदिर के विजय स्तंभ की माने तो इसका निर्माण 1584 में हुआ था।
किले में आज भी मौजूद हैं कई प्राचीन मंदिर
इस किले की खास बात यह कि यहां आपको सभी भगवान के प्राचीन और चमत्कारी मंदिर देखने को मिल जाएंगे। जिनमें चतुर्भुज विष्णु मंदिर, सीताराम मंदिर, भगवान शिव का मंदिर और गोपाल मंदिर शामिल है। इन्हीं में से एक है कुशाल माता का मंदिर, जो किले से लगभग 5 किमी की दूरी पर बना हुआ है। माना जाता है कि इस मंदिर को 1457 ई. में गुजरात व मालवा की सेना को धूल चटाने के बाद स्थापित किया गया था।
फोर्ट घूमने का सही टाइम
यदि आप यहां घूमने का प्लेन कर रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां आने का सही समय अक्टूबर से मार्च है, क्योंकि इस समय ज्यादा गर्मी नहीं होती है। गर्मी के दिनों में उंची पहाड़ी पर चढ़ना बेहद मुश्किल हो जाता है।