Basantgarh fort: राजस्थान में वैसे कई किले हैं, जो अपने प्राचीन इतिहास के लिए जाने जाते हैं, लेकिन आज हम आपको राज्य के ऐसे किले के बारें में बतांएगें जो एकलौता ऐसा किला है, जो गुप्तकाल में बनाया गया था। दरअसल हम बात कर रहे हैं सिरोही जिले के पिंडवाड़ा मुख्यालय से केवल 10 किलोमीटर दूर बसंतगढ़ का किला, जो अपने ऐतिहासिक इतिहास के लिए दुनिया भर में फेमस में है। आपको बता दें कि इस किले का निर्माण मेवाड़ के राजा राणा कुम्भा के द्वारा 1400 साल पहले कराया गया था। गुजरात के समीप मेवाड़ की रक्षा के चलते बसंती नामक किले का निर्माण कराया गया था।
किले का इतिहास
यहां आपको किले के अलावा कई पुराने मंदिर देखने को मिल जाएंगे। पौराणिक कथा के अनुसार इस किले की स्थापना सात ऋषियों में से एक वशिष्ठ ऋषि ने की थी। इसके साथ ही यहां अर्क और भर्ग के 2 मंदिरों की भी स्थापना की थी। पहले इस जगह को वशिष्ठ ऋषि के नाम पर वशिष्ठपुर कहा जाता था। यहां काफी वट के पेड़ होने की वजह से भी इस शहर को वटपुर भी कहते थे।
कौन थे राणा कुम्भा
राणा कुम्भा का नाम इतिहास के प्रभावशाली राजाओं की सूची में शामिल है। राणा कुम्भा ने मेंवाड़ में 1433-1468 ई. तक शासन किया था। मेवाड़ की सीमा से सटे गुजरात से विदेशी आक्रांताओं से बचने के लिए राजा ने पहाड़ी पर इस किले का निर्माण करवाया था। यह किला पहाड़ी पर लगभग 6 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। आज भी भटेव्श्रर फली की पहाड़ियों पर आपको किले की बनावट और दिवारें नजर आएंगी।
किले में लगी है गणेश जी की प्रचीन मूर्ती
आपको बता दें कि इस किले की खास बात यह है कि इस किले के मुख्य गेट पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित है। इसे बाद में भटेव्श्रर महादेव मंदिर के पास स्थित शिव मंदिर में स्थापित करा दिया गया था।