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Battle of Khanwa: खानवा का युद्ध राणा संग्राम सिंह और बाबर के बीच लड़ा गया था। इस जगह पर आज भी पत्थरों पर खून के निशान साफ दिखाई देते हैं।

Battle of Khanwa: राजस्थान की भूमि पर कई प्रमुख युद्ध हुए हैं, जो देश के इतिहास के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इन्हीं युद्धों में से एक खानवा का युद्ध था, जो राणा संग्राम सिंह और बाबर के बीच हुआ था। राजस्थान की इस जगह पर आज भी पत्थरों पर खून के निशान साफ दिखाई देते हैं। 

बता दें कि रूपवास तहसील का खानवा गांव भरतपुर धौलपुर के रास्ते पर स्थित है। युद्ध के कई कारण माने जाते हैं, जैसे राज्य स्थापित, समझौते का उलंघन और महत्वाकांक्षा आदि। इस युद्ध में भले ही राणा सांगा की हार हुई थी, लेकिन उनकी वीरता और शौर्य की गाथा आज भी सुनाई देती है।    

आज भी दिखाई देते हैं युद्ध के प्रमाण

बताया जाता है कि इस युद्ध में राणा सांगा ने अपनी विरता से बाबर को हरा सकते थे, लेकिन बाबर ने युद्ध में हाथों से ज्यादा गोला बारूदों का इस्तेमाल किया था। जिसकी वजह से राणा सांगा की पराजय हुई और माना जाता है कि युद्ध के दौरान उन्हें 80 घाव भी लगे थे।  

राणा सांगा स्मारक

राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण द्वारा 3 अक्टूबर 2008 को खानवा के एक पहाड़ पर राणा सांगा और दो सैनिक काजा मेदनीय राय के साथ हसन खां मेवाती की स्मारक का उद्घाटन किया गया था। इसके लिए उस समय की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बुलाया गया था। पर्यटकों के लिए बनाए गए इस स्मारक को देखने और इस युद्ध के बारे में जानकारी जुटाने के लिए लाखों पर्यटक यहां आते हैं। 

प्रशासन की अनदेखी 

पर्यटन स्थल के रूप में बनाए गए इस स्मारक की देखभाल करने में प्रशासन की ओर से अनदेखी की जा रही है। इसका प्रमाण स्टैच्यू को देखकर लगाया जा सकता है। स्मारक से राणा सांगा की तलवार गायब है, वहीं नीचे की ओर लगी कुछ लाइटें टूटी हुई है, तो कई लाइटें गायब है।

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