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Salim Singh Haveli: जैसेलमेर में लोग खासकर किले और थार डिजर्ट घूमने के लिए आते हैं, लेकिन आज इस खबर को पढ़ने के बाद आप सलीम सिंह की हवेली जरूर देखना चाहेंगे।

Salim Singh Ki Haveli: जैसलमेर की सुंदर हवेलियों में से एक है सलीम सिंह की हवेली। यह हवेली अपनी अद्भुत सुंदरता से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। लेकिन इसे बनने पर नाम सुनते ही लोग इसे देखना पसंद नहीं करते थे और न ही कोई इसे देखने गया। इस भव्य महल को नहीं देखने की वजह जानकर आप हैरान हो जाएंगें। तो आइए जानते हैं इस महल की छिपी रहस्यमय कहानी और अभी यह महल क्यों पर्यटकों का पसंदीदा महल बन रहा। वही इस महल को मोती महल भी कहा जाता है।

सलीम सिंह हवेली की हिस्ट्री

इस हवेली को 19 वीं सदी में बनाया गया था, जिसे जैसलमेर के प्रधानमंत्री ने बनवाया था। जिसका नाम सलीम सिंह मेहता और उनके भाई दोनों साथ मिलकर इस महल को बनाया था। उनका पूरा परिवार इसी महल में रहा करता था। इस महल को 7 मंजिला बनाया गया था, लेकिन महारावल को यह बात पसंद नहीं आया और उसने दो मंजिला को छुड़वा दिया गया। 

जानिए इस हवेली में क्यों नहीं करते थे पसंद

दरअसल जैसलमेर का एक गांव था कुलधरा, जो कई सालो से वीरान पड़ा हुआ है। इसके पीछे की वजह था सलीम सिंह मेहता। ऐसा कहा जाता है इस गांव की लड़की से सलीम सिंह शादी करना चाहते थे, लेकिन गांव वालो ने मना कर दिया। इसलिए गांव वालों को डर था कि सलीम सिंह शादी कर के ही मानेगा। इस वजह से पूरा गांव एक रात में खाली कर के यहां के लोग कहीं और चले गए। इसके बाद से आज तक यह गांव वीरान ही पड़ा है। इसी वजह से सलीम सिंह द्वारा बनाया गया सुन्दर हवेली का नाम सुनते ही लोग इसे देखना पसंद नहीं करते थे। 

इस हवेली को क्यों कहते हैं मोती महल

बता दें कि सलीम सिंह को क्रूर दीवान कहते थे लोग, लेकिन इसके शिल्पकला के मामले में कोई जोड़ नहीं था। इस भव्य हवेली का निर्माण करने में उन्होंने बहुत सारे मोतियों का इस्तेमाल किया था। इसलिए इस हवेली को मोती महल के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि वर्तमान समय में इस हवेली को पर्यटकों खूब पसंद कर रहे हैं। क्योंकि इसकी अद्भुत बनावट और महल की सजावट लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

वहीं इस महल के आस पास के इलाके को बहुत सुन्दर तरीके से सजाया गया है। यहां ठंड के दिनों में हजारों के संख्या में पर्यटक आते हैं। इस हवेली का खुलने का समय 9:00 बजे से शाम के 5:30 तक और इसकी एंट्री फीस भारतीय नागरिकों के लिए 20 रू और विदेशी नागरिकों के लिए 100 रू हैं।

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