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Rajasthan History: राजस्थान की चर्चा हो और महलों की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता। राजाओं के स्थान होने के कारण राजस्थान में बहुत सारे ऐतिहासिक महल देखे जाते हैं।

Rajasthan History: राजस्थान का नाम सुनते ही ऐसा प्रतीत होने लगता है कि यह राजाओं का स्थान है, ऐसे में यहां बड़ी-बड़ी महलें होना आम बात है। लेकिन यहां के महल आम नहीं हैं। राजस्थान में इतने ऐतिहासिक महल होने के बावजूद भी सारे एक दूसरे से बहुत भिन्न हैं। जब आप यहां घूमने जाएंगे, तो आपको सभी महलों में कुछ ना कुछ खास देखने को मिलेगा। तो आईए जानते हैं राजस्थान के पांच सबसे खास राजमहलों के बारे में, जो आज भी प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का विषय हैं।

सिटी पैलेस जोधपुर 

सिटी पैलेस राजस्थान के उदयपुर में स्थित राजपूत वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। सिटी पैलेस अपनी शैली में राजस्थान का सबसे बड़ा पैलेस माना जाता है। इसके निर्माण का कार्य 1553 ई. में महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने शुरू करवाया था। इसे बनवाने के पीछे का कारण यह था कि उस समय उन्होंने अपनी राजधानी को चित्तौड़ से उदयपुर के नए शहर में स्थानांतरित किया था। इस महल का निर्माण संगमरमर और चिनाई से करवाया गया है। इस महल परिसर में जग मंदिर, जगदीश मंदिर, लेक पैलेस और मॉनसून पैलेस जैसे कई ऐतिहासिक स्मारक स्थित हैं। पिछोला झील इसी महल के पश्चिमी तट पर स्थित है।

सिटी पैलेस जयपुर

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सिटी पैलेस यहां के शासकों का पूर्व प्रशासनिक मुख्यालय और शाही निवास है। महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय द्वारा अपना दरबार आमेर से जयपुर स्थानांतरित करने पर इसका निर्माण करवाया गया था। इस पैलेस का निर्माण 1729 में शुरू होकर 1732 में पूर्ण हुआ था। इस पैलेस को राजपूत, मुगल और यूरोपीय स्थापत्य शैली का मिश्रण माना जाता है।

माना जाता है कि जयसिंह द्वितीय ने आमेर में जनसंख्या वृद्धि और पानी की बढ़ती कमी के कारण अपनी राजधानी स्थानांतरित करने की योजना बनाई। इसके पश्चात उन्होंने जयपुर शहर की नींव रखी और यहां सिटी पैलेस का निर्माण करवाया। इसके वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य को माना जाता है।

चित्तौड़ किला

चित्तौड़ किला वर्तमान में चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित है, जो कभी मेवाड़ की राजधानी हुआ करता था। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। इस किले में कुल 65 ऐतिहासिक संरचनाएं हैं, जिनमें 19 बड़े मंदिर, 20 बड़े जल निकाय, चार स्मारक, चार महल और कुछ विजय मीनारें शामिल हैं।

मोरी शासक चित्रांगदा मोरी द्वारा बनवाया गया यह किला 180 मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। 280 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ यह किला बेराच नदी द्वारा बनाई गई घाटी के मैदान पर स्थित है। इस किले को चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है, जिसे मूल रूप से चित्रकूट कहा जाता था। इस किले को 2013 में वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की सूची में शामिल किया गया था।

मेहरानगढ़ किला

राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित मेहरानगढ़ किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। 1459 ईस्वी में बनाया गया यह किला 410 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है कि जब राठौर शासक राव जोधा ने 1459 में जोधपुर शहर का निर्माण करवाया, तब उन्होंने अपनी राजधानी मंडोर से जोधपुर स्थानांतरित की और जोधपुर की भाऊचेरिया पहाड़ी पर एक शाही किले का निर्माण करवाया।

यह किला मंडोर से सिर्फ 9 किलोमीटर दूर है। राठौर शासकों में सूर्य देव की उपासना सबसे ज्यादा की जाती थी, इसलिए उन्होंने इस किले का नाम सूर्य देव के नाम पर रखा। इस किले में कई बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्में शूट हो चुकी हैं, जिनमें ठग्स ऑफ हिंदोस्तान, द लायन किंग और द डार्क नाइट राइजेस शामिल हैं। 

जूनागढ़ किला

चिंतामणि के नाम से प्रसिद्ध जूनागढ़ किला भारत के राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित है। 20वीं सदी की शुरुआत में, जब यहां के शासक परिवार इस किले को छोड़कर लालगढ़ पैलेस चले गए, तब इसका नाम बदलकर पुराना किला या जूनागढ़ किला कर दिया गया। यह किला राजस्थान के उन गिने-चुने किलों में आता है, जो किसी पहाड़ की चोटी पर नहीं बने हैं, बल्कि समतल मैदान पर बने हुए हैं।

इस किले को लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर की सहायता से बनाया गया है। बीकानेर के छठे शासक राजा राय सिंह के शासनकाल में बना यह किला सन 1594 में बनकर तैयार हुआ था। इस किले में बहुत सी संरचनाएं हैं, जिनमें करण महल, फूल महल, गंगा महल, अनूप महल, चंद्र महल, बादल महल आदि शामिल हैं।

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