राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में हरणी महादेव मंदिर स्थित है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यह मंदिर एक पहाड़ी पर मौजूद है, जहां से पूरा शहर का दृश्य दिखाई देता है। हर साल लाखों में लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। खासतौर पर महाशिवरात्री और सावन के महीने में यहां श्रद्धालु महादेव की शिवलिंग पर दूध व जल चढ़ाने आते हैं। इस मंदिर का नाम भीलवाड़ा के एक छोटे से गांव के नाम पर रखा गया है। इस मंदिर का निर्माण राजस्थानी शैली का एक शानदार उदाहरण पेश करता है। हर साल शिवरात्रि के मौके पर यहां तीन दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है।
मंदिर की पौराणिक कथा
हरणी महादेव मंदिर ना केवल भीलवाड़ा बल्कि पूरे राज्य की शान मानी जाती है। यह मंदिर खुद का अलग धार्मिक इतिहास रखता है। यहां सालाना कृष्ण चतुर्दशी के दिन तीन दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है। इस मेले में बड़ी संख्या में भक्त आते है। आपको बता दें कि हरणी महादेव मंदिर के साथ-साथ चामुंडा माता का मंदिर पर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस जगह से पूरा शहर दिखाई पड़ता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर में भगवान शिव की शिवलिंग के साथ एक नंदी जी की मूर्ति भी है जो पीतल से बनी हुई है।
मंदिर में पूजा कैसे करें
हरणी महादेव मंदिर पहुंचे के बाद हर भक्त पहले भगवान शिव के मंदिर की परिक्रमा करते हैं और अंदर जाकर भगवान को दूध और जल से स्नान कराते है। इसके साथ ही भगवान शिव को मिठाई, फूल, पैसे आदि चीजें चढ़ाते है। यूं तो भक्त हर दिन इस मंदिर में पूजा करते हैं, लेकिन शिवरात्रि के मौके पर यहां लोग सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होते हैं।