Roothi Rani of Rajasthan: राजस्थान की राजकुमारी उमादे एक ऐसी रानी हैं, जिन्हें राजस्थान की रूठी रानी के नाम से जाना जाता है। उन्होंने शादी की पहली ही रात राजा को एक दासी के साथ देख लिया था। इससे नाराज होकर जिंदगी भर के लिए राजा को एक सजा दे दी थी। लाख मिन्नतों के बाद भी उन्होंने राजा को माफ नहीं किया और जिंदगी भर के लिए उन्हें अकेलेपन की सजा दे दी। उनका गुस्से की ये कहानी इतनी प्रचलित हुई कि उन्हें रूठी रानी कहा जाने लगा।
युद्ध को टालने के लिए दिया बेटी से शादी का प्रस्ताव
1530 दशक में जोधपुर के राजा मालदेव अपनी सीमा को बढ़ाने के लिए युद्ध कर रहे थे। वो जैसलमेर पर आक्रमण करना चाहता था। जैसलमेर के राजा को इसकी भनक पड़ गई। राजा राव लूणकरण ने युद्ध को टालने के लिए अपनी बेटी की शादी मालदेव से कराने की सोची। राजा मालदेव पहले से शादीशुदा और चक्रवर्ती राजा था। राजा लूणकरण ने राजा मालदेव के सामने प्रस्ताव रखा कि वो उनकी बेटी उमादे से शादी कर लें। राजा ने शादी के लिए हामी भर दी। वहीं राजकुमारी उमादे खूबसूरत होने के साथ ही काफी चतुर भी थीं।
दासी के साथ देखकर लिया निर्णय
शादी की रात उमादे एक चक्रवर्ती राजा को अपने पति के रूप में पाकर बहुत खुश थीं और अपने कमरे में उनका इंतजार कर रही थीं। लंबा इंतजार करने के बाद जब मालदेव कमरे में नहीं आए, तो उन्होंने भारमली दासी को उन्हें बुलाकर लाने के लिए कहा। भारमली कमरे में पहुंचीं, तो राजा उसे देखकर काफी खुश हो गए क्योंकि दासी काफी खूबसूरत थी। नशे में धुत्त राजा ये भूल ही गया था कि उसकी पत्नी उसका इंतजार कर रही है।
पति और उसे बुलाने गई दासी जब काफी देर तक नहीं आए, तो रानी उन्हें ढूंढने निकल पड़ी। उन्होंने राजा और दासी को एक साथ देखा, जिससे उनके आत्मसम्मान पर ठेस लगी। उन्होंने राजा की इस हरकत के लिए उसे अलगाव की सजा दी। रानी ने अपने आत्मसम्मान को ऊपर रखते हुए राजा से कहा कि तुम मेरे लायक नहीं हो और इसलिए मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊंगी। राजा ने रानी को समझाने की लाख कोशिश की लेकिन रानी अपने मायके में ही रह गई। रानी ने जिंदगी भर राजा मालदेव का मुंह नहीं देखा। रानी ने एक पत्नी के रूप में सारे रिवाज निभाए और पति की मौत के बाद सती होकर अपनी जान दे दी।
ये भी पढ़ें: राजस्थान का वो राजा जिसे मानते हैं मेवाड़ का कलंक: पिता की हत्या कर बना राजा, भाई से हारकर मुगलों से मांगी थी मदद