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उदयपुर अपनी समृद्ध संस्कृति के कारण न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। चलिए जानते हैं कि उदयपुर को 'सफेद शहर' क्यों कहा जाता है।

Udaipur Tourism: राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित उदयपुर को 'सफेद शहर' या 'झीलों का शहर' कहा जाता है। इस खूबसूरत शहर का आकर्षण इसकी झीलें, महल, और वास्तुकला है। जो पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं। उदयपुर का नाम सुनते ही मन में एक रॉयल छवि उभरती है, जहां झीलों के किनारे बसे महल, सफेद संगमरमर से बने मंदिर और हरे-भरे बागान मिलते हैं। यह शहर अपनी शाही संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर, और शांतिपूर्ण माहौल के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

उदयपुर की स्थापना 1559 में मेवाड़ के महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने की थी। यह शहर लंबे समय तक मेवाड़ राजवंश की राजधानी रहा और आज भी इसकी रॉयल्टी और संस्कृति जीवंत महसूस होती है। उदयपुर के महलों और किलों में आपको राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की झलक मिलेगी, जहां हर कोना उस समय की शौर्य गाथाओं का साक्षी है। महाराणा प्रताप और उनके साहसिक जीवन की कहानियां उदयपुर के कण-कण में बसी हुई हैं।

झीलों का शहर

उदयपुर की खूबसूरती का सबसे बड़ा आकर्षण यहां की झीलें हैं। शहर में चार प्रमुख झीलें हैं: पिछोला झील, फतेहसागर झील, दूध तलाई और उदयसागर झील। इनमें सबसे प्रसिद्ध है पिछोला झील, जो शहर के मध्य में स्थित है। इस झील के बीच में बना लेक पैलेस (जिसे ताज लेक पैलेस भी कहा जाता है) सफेद संगमरमर से बना है और अब इसे एक लग्जरी होटल में तब्दील कर दिया गया है। फतेहसागर झील भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां आप बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। इन झीलों का शांत पानी और सूर्यास्त के समय का नज़ारा आपको शहर के प्रेम में डाल देगा।

सफेद संगमरमर की धरोहरें

उदयपुर में सफेद संगमरमर से बनी कई इमारतें हैं, जो इसे 'सफेद शहर' का खिताब दिलाती हैं। सिटी पैलेस, जो पिछौला झील के किनारे स्थित है, राजस्थान का सबसे बड़ा महल है। यह महल सफेद संगमरमर और ग्रेनाइट से बना हुआ है और इसकी वास्तुकला मुगल और राजपूत शैली का अद्भुत मिश्रण है। महल के अंदर शाही संग्रहालय, बगीचे, और आंगन हैं, जो इतिहास प्रेमियों को मोहित करते हैं।

एक और प्रमुख आकर्षण है जगदीश मंदिर, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर राजस्थानी वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। मंदिर की नक्काशी और शिल्पकारी बेहद खूबसूरत है, जो धार्मिक आस्था और कला का मेल दिखाती है।

बगीचे और सांस्कृतिक धरोहर

उदयपुर में खूबसूरत बागानों की भी कमी नहीं है। सहेलियों की बाड़ी एक प्रसिद्ध बागान है, जो महाराजाओं की रानियों के लिए बनाया गया था। यहां के हरे-भरे पेड़, फव्वारे और संगमरमर की मूर्तियां शांति और सौंदर्य का प्रतीक हैं। इसके अलावा गुलाब बाग और दूध तलाई भी शांतिपूर्ण स्थान हैं, जहां आप उदयपुर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

सांस्कृतिक और कलात्मक शहर

उदयपुर सिर्फ अपनी झीलों और महलों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर और कला के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां हर साल विभिन्न सांस्कृतिक उत्सव और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें मेवाड़ फेस्टिवल और शिल्पग्राम महोत्सव प्रमुख हैं। इस शहर की पेंटिंग्स, हस्तशिल्प, और लोक संगीत यहां की जीवंत संस्कृति को बयां करते हैं।

यहां के बाज़ारों में राजस्थानी हस्तशिल्प, पारंपरिक कपड़े, और गहने मिलते हैं, जिन्हें देखकर कोई भी इन्हें अपने घर ले जाने का मन बना लेता है।

उदयपुर का पर्यटन में योगदान

उदयपुर न सिर्फ भारतीय, बल्कि विदेशी पर्यटकों के बीच भी बेहद लोकप्रिय है। यहां के आलीशान होटल, जिनमें से कुछ महलों में तब्दील हो चुके हैं, हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राजस्थान के पारंपरिक भोजन, ऊंट की सवारी, और बोटिंग जैसी गतिविधियों का लुत्फ उठाने के लिए यह एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है।

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