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Rajasthan History: राजस्थान के इतिहास को सिर्फ राजा रजवाड़ों के इतिहास तक सीमित मान लिया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। राजस्थान का इतिहास सदियों पुराना है।

Rajasthan History: जब भी राजस्थान के इतिहास की बात आती है, तो वहां राजस्थान के राजा-महाराजाओं का जिक्र होना आम बात है। लेकिन राजस्थान का इतिहास सिर्फ इन्हीं राजा-रजवाड़े के इतिहास तक सीमित नहीं है। बल्कि राजस्थान के इतिहास की जड़ें भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता और पूरे विश्व की दूसरी सबसे प्राचीन सभ्यता 'सिंधु घाटी सभ्यता' से भी जुड़ी हुई है। आज के इस लेख में हम आपको राजस्थान के दो ऐसे प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों के बारे में बताएंगे, जो आज भी भारतीय इतिहास की गवाही देते हैं। 

राजस्थान से मिले सिंधु घाटी की सभ्यता के साक्ष्य

राजस्थान के इतिहास को भारत के इतिहास से जोड़ने वाले इन दो ऐतिहासिक और प्राचीन स्थलों का नाम लोथल और कालीबंगा है। यह दोनों ही स्थल सिंधु घाटी की सभ्यता के समय भारत के दो प्रमुख शहर हुआ करते थे। राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में अनेक पुरातात्विक स्थल स्थित हैं, लेकिन यह दो ऐतिहासिक स्थलें सबसे प्रमुख मानी जाती हैं। देश-विदेश से इतिहासकार इन जगहों की खोज पड़ताल करने के लिए आते हैं। ताकि मानवता के इतिहास को और भी अधिक गहराई से समझा जा सके।

कालीबंगा: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है। यह वह ऐतिहासिक स्थल है, जो इस बात का सबूत है कि सिंधु घाटी की सभ्यता के लोग कृषि किया करते थे। इस शहर में गेहूं और धान जैसी फसलों के उगाए जाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।

यहां खनन में प्राचीन भवनों के अवशेष के साथ-साथ मिट्टी के बर्तन और कृषि से जुड़े अनेक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जो दर्शाता है कि यहां के लोग खेती में माहिर थे। कालीबंगा में मिले अवशेष यहां के सामाजिक संरचना और संस्कृत परिदृश्य के बारे में बताते हैं कि यह उस समय का एक विकसित सामाजिक संरचना रहा होगा। 

लोथल: लोथल आज के समय में भारत के गुजरात राज्य में स्थित है, लेकिन राजस्थान की सीमा से यह स्थल बहुत ही नजदीक है। इसीलिए इसे राजस्थान के इतिहास से भी जोड़ा जा सकता है। लोथल सिंधु घाटी सभ्यता के समय का सबसे महत्वपूर्ण शहर हुआ करता था। क्योंकि यह उस समय का एक व्यापारिक केंद्र और बंदरगाह था।

जिसके जरिए मध्य एशियाई देशों तक व्यापार की नींव रखी गई थी। यहां पर मिले जलाशयों और डॉक के द्वारा यह साबित होता है कि उस समय लोथल में पानी के मार्ग से व्यापार किया जाता था। इसके अतिरिक्त यहां खनन के दौरान बहुत सारी ऐतिहासिक मोहरें, धातु के बर्तन और अन्य कलाकृतियों भी मिली है, जो इस क्षेत्र के समृद्ध होने की गवाही देते हैं। 

कालीबंगा और लोथल दोनों ही भारतीय इतिहास के दो प्रमुख और महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यहां के अध्ययन से न केवल भारतीय इतिहास की समृद्धि के बारे में पता चलता है बल्कि हमें मानवता के विकास के बारे में भी बहुत कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां मिलती हैं। इन दोनों ही स्थलों के अध्ययन से यह साफ हो जाता है कि सिंधु घाटी सभ्यता प्राचीन काल में भी बहुत ही वैभवशाली सभ्यता रही होगी।

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