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Moosi Maharani Ki Chhatri: मूसी महारानी की छतरी राजस्थान के अलवर शहर में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह के पानी से लोग अपने बच्चों की नजर उतारते हैं और यह पानी चरम रोग को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

Moosi Maharani Ki Chhatri: राजस्थान का अलवर शहर पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। यहां कई ऐसी इमारतें, मंदिर, पहाड़ और पैलेस है जो अपनी किसी ना किसी खास वजह के लिए जानें जाते हैं। इन्हीं फेमस जगहों में से एक है मूसी महारानी की छतरी। ऐसा माना जाता है कि इस जगह के पानी से लोग अपने बच्चों की नजर उतारते हैं और यह पानी चरम रोग को ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको मूसी महारानी की छतरी के बारें में कुछ रोचक तथ्यों के बारें में बताएंगे। 

मूसी महारानी की छतरी राजस्थान के अलवर शहर के सिटी पैलेस के बाहर सागर जलाशय में स्थित है। कहा जाता है कि इसका निर्माण विनय सिंह ने अलवर के राजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के याद में स्थापित कराया था। दरअसल रानी मूसी सती हो गई थी। जिसके बाद इस इमारत में राजा बख्तावर सिंह और रानी मूसी की कब्र बनाई गई थी। इसके ऊपर सफेद मार्बल की गुंबद और एक छतरी बनाई गई थी। यह दो मंजिला स्मारक सुबह और शाम को अलग-अलग रूप में बेहद सुंदर दिखाई देती है। 

क्या है पानी का रहस्य ? 

पौराणिक कथाओं की मानें तो मूसी महारानी की छतरी के ऊपरी हिस्से में राजा बख्तावर सिंह और रानी मूसी के पैरों के निशान दिखाई पड़ते हैं। लोग इन्हीं निशान पर पानी चढ़ाते हैं और फिर उसी पानी को बर्तन या बोतल में भरकर ले जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सालों तक रखा हुआ यह पानी खराब नहीं होता है। लोग इस पानी को अपने बच्चों को पिलाते हैं। बच्चों की नजर उतारने के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चर्म रोग वाले से परेशान व्यक्ति भी इसे अपनी नाभि के उपर लगाकर रखे तो उनकी यह बीमारी ठीक हो जाती है।

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