Mukti Dham Mukam Temple: भारत में धार्मिक स्थलों की अद्भुत विविधता है, और इनमें से एक विशेष स्थल है मुक्ति धाम मुकाम मंदिर। यह मंदिर विशेष रूप से बिश्नोई समाज के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। हाल ही में, यह मंदिर सलमान खान और लॉरेंस बिश्नोई के विवाद के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है। इस लेख में, हम इस मंदिर के इतिहास, पौराणिक महत्व और यात्रा संबंधी जानकारी पर चर्चा करेंगे।
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर कहां है?
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के तलवा गांव के पास स्थित है। यह मंदिर बीकानेर शहर से लगभग 78 किमी और जयपुर से लगभग 295 किमी की दूरी पर है। यह स्थान धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, जो हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
मंदिर का इतिहास
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर बिश्नोई समाज का एक मुख्य केंद्र है। यहां भगवान गुरु जम्बेश्वर की पवित्र समाधि है, जो इस समुदाय के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत हैं। कहा जाता है कि गुरु जम्बेश्वर ने 1540 से 1593 ई. के बीच इस स्थान पर निवास किया और बिश्नोई संप्रदाय की स्थापना की। उन्होंने अपने अनुयायियों को पर्यावरण और जीव-जंतुओं के प्रति प्रेम और सम्मान सिखाया।
गुरु जम्बेश्वर की उपासना करते समय, वे अक्सर ऊंची चोटी पर ध्यान और पूजा करते थे, जिससे उनकी शिक्षाओं का प्रभाव बढ़ा। इस मंदिर में उनकी उपासना करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं, और यह स्थल न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है।
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर दर्शन का समय
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर सुबह 4 बजे से रात 8 बजे तक भक्तों के लिए खुला रहता है। यहां हर सुबह और शाम भव्य आरती होती है, जिसमें हजारों भक्त शामिल होते हैं। मंदिर में जाने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है, जिससे सभी श्रद्धालु आसानी से यहां आकर दर्शन कर सकते हैं।
कैसे पहुंचें?
मुक्ति धाम मुकाम मंदिर तक पहुंचने के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग किया जा सकता है:
सड़क द्वारा-
बीकानेर से टलवा गांव के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
रेल द्वारा-
निकटतम रेलवे स्टेशन बीकानेर है, जहां से आप टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट-
बीकानेर का निकटतम हवाई अड्डा है, जहां से आप स्थानीय परिवहन के माध्यम से मंदिर जा सकते हैं।