National Panchayati Raj Day: आज साल पूरे भारत में पंचायती राज दिवस मनाया जा रहा है। देश के गांवों तरक्की की राह पर आगे बढ़ाने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए पंचायती राज व्यवस्था की शुरूआत की गई थी।
राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था की बात करें तो राज्य में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इसकी नींव रखी थी। राजस्थान के नागौर जिले में पहली बार इस व्यवस्था की शुरूआत की गई थी। आज के दिन संविधान में संशोधन कर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था।
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आज के दिन ही क्यों मनाया जाता है पंचायती राज दिवस
दरअसल, इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2010 से की गई थी। 73वाँ संशोधन अधिनियम, 1992 आज ही के दिन लागू किया गया था। इस संशोधन से देश की सभी पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया था। साथ ही त्रिस्तरीय संरचना (ग्राम, ब्लॉक तथा जिला स्तर) सुनिश्चित करता है। इसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों व जनजातियों को आरक्षण की व्यवस्था, नियमित चुनाव, राज्य वित्त आयोग आदि व्यवस्था में शामिल की गई हैं।
नागौर जिले में हुई थी पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत
जानकारी के लिए बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा साल 1959 को नागौर जिले में पंचायती राज व्यवस्था को शुरू किया गया था। इस दिन राजस्थान में पहली बार किसी जिले में त्रिस्तरीय व्यवस्था लागू हुई थी।
इस समिति की सिफारिश पर लागू हुई थी व्यवस्था
राजस्थान में इस व्यवस्था को लागू करने का श्रेय बलवंत राय मेहता को जाता हैं, जिन्हें इसका जनक भी कहा जाता है। साल 1957 में सामुदायिक विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए बलवंत राय मेहता समिति का गठन किया गया था। समिति की ओर से जारी रिपोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था शुरू करने की डिमांड रखी गई थी। इस समिति में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद को शामिल किया गया था।