Rajasthan history: राजस्थान अपनी रंगीन संस्कृति और त्योहारों के लिए जितना फेमस है उतना ही यहां जन्मे वीर सपूतों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन सभी को इतिहास के पन्नों में भी लेखा गया है। राजस्थान के राजा- महाराजाओं अपने साहस और उच्च सम्मान के लिए तो जाने जाते ही हैं, इसके साथ-साथ वे अपनी कला और संस्कृति के लिए आज भी प्रसिद्ध हैं, जो की यहां के धरती पर शाही युग को दर्शाता है। तो आज हम मध्यकालीन के कुछ वीर योद्धाओं के बारे में जानते हैं, जिन्होंने अपने शासन काल में अपनी वीरता और साहस दिखाएं बल्कि अभी भी लोगों को प्रेरणा दी है।
हम्मीर देव चौहान (1283-1301)
हम्मीर देव चौहान का जन्म 1272 ईस्वी में हुआ था। इन्हें हम्मीरदेव के नाम से भी जाता था। इनके पिता का नाम जैत्रसिंह चौहान और माता का नाम हीरा देवी था। यह मध्यकालीन युग के सबसे शक्तिशाली शासक मानें जाते थे। इन्होंने रणस्तंभपुर पर शासन किया था, जिस अभी के समय में समय रणथंभौर के नाम के नाम से जाना जाता है। ये चौहान वंश के अंतिम शासक थे। इन्होंने अपनी राज्य विस्तार करने के लिए कई हिंदू पडोसी राजाओं को हरा कर वीरता प्राप्त कर अपनी राज्य का विस्तार किया। इन्होंने 1283 से 1301 तक शासन किए। उनकी मृत्यु 1301 ईस्वी में हो गई थी। इनके सम्मान में आज भी रणथंभौर के किले को राष्ट्रीय उद्यान रूप में जाना जाता है।
राणा कुम्भा (1433-1468)
राणा कुंभा को 'हिंदू सुल्तान' के रूप में जाना जाता था। यह क महान योद्धा थे और उन्होंने मुसलमानों को हराकर राजपूती राजनीति को एक नया रूप दिया था। ये सिसोदिया वंश के राजपूत थे जिन्होंने मेवाड़ पर राज्य किया। यह एक महान वास्तुकार थे इन्होंने मेवाड़ के आस पास 32 किलो का नवीनीकरण कराया। इनमें से कुंभलगढ़ नाम का किला अभी भी विश्व धरोहर स्थल के लिए जाना जाता है। उन्होंने मेवाड़ पर 1433 से 1468 तक अपना सत्ता चलाया, इस दौरान उन्होंने अपना रचनात्मक रसिका-प्रिया, संगीता-राजा, सुदाप्रबंध और कामराज-रतिसार पक्ष भी प्रस्तुत किया।
हेम चंद्र विक्रमादित्य (1501-1556)
हेम चंद्र को जिसे हेमू के नाम से भी जाना जाता था, जो की आदिल शाह सूरी के हिंदू सेनापति हुआ करते थे। उन्होंने जब शाह सूरी के सेना हुआ करते थे, तब अफगानों और मुगलों के खिलाफ 22 लड़ाइयां जीती थी। इसके बाद उन्होंने 1556 में दिल्ली की लड़ाई में अकबर की सेना को हराया। इसके बाद उनका नाम विक्रमादित्य रखा गया। इसके बाद उन्होंने थोड़े समय बाद उत्तर भारत में 'हिंदू राज' की स्थापना 1556 में की। इसके बाद हेम चंद्र मुगलों खिलाफ पानीपत की दूसरी लड़ाई लड़ते समय मारें गए।
महाराणा प्रताप सिंह (1540-1597)
राजस्थान के सबसे शक्तिशाली राजा महाराणा प्रताप सिंह को माना जाता है, वे मेवाड़ पर राज्य करते थे। यह मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के 13 वीं राजा थे। इनका जन्म 1540 ईस्वी में हुआ था। इन्होंने ने अपनी राज्य बहुत ही कम उम्र में संभाल लिया। इन्होंने कोई सारे लड़ाई लड़ी जिसमें उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन हल्दीघाटी के युद्ध मे हार का सामना करना कर गया, जिसके बाद इन्हें मेवाड़ के पहाड़ी इलाके में काम करना पड़ा। इसके कुछ समय बाद इन्होंने अबकर से लड़ाई कर अपनी राज्य को वापस प्राप्त कर लिया। इनकी प्रेरणा स्वरुप वीरता की गाथा को अभी के समय में माना जाता है।