Ajmer Tourism: अजमेर, जो राजस्थान के मध्य में स्थित है, एक शहर है जो अपनी समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह शहर अरावली पर्वतमाला से घिरा हुआ है और अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
अजमेर का इतिहास
अजमेर की स्थापना चौहान राजा अजय राज ने 1113 ईस्वी में की थी। शहर का नाम शुरुआत में अजमेरु था, जो बाद में अजमेर हो गया। अजमेर पर कई राजवंशों ने शासन किया है, जिनमें चौहान शासक, मुगल, मेवाड़ और मारवाड़ प्रमुख थे। बाद में अजमेर अंग्रेजों के अधीन हो गया।
धार्मिक महत्व
अजमेर में दो प्रमुख धार्मिक स्थल हैं: पुष्कर का ब्रह्माजी का मंदिर और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह। पुष्कर का ब्रह्माजी का मंदिर दुनिया का इकलौता मंदिर है, जो भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह एक महत्वपूर्ण इस्लामिक तीर्थ स्थल है, जो दुनिया भर के मुसलमानों के लिए श्रद्धा का केंद्र है।
पर्यटन स्थल
अजमेर में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. आना सागर झील: एक खूबसूरत झील जो शहर के मध्य में स्थित है।
2. फाईसागर झील: एक अन्य झील जो शहर के बाहरी हिस्से में स्थित है।
3. सोनी जी की नस्सिया: एक प्रमुख जैन मंदिर।
4. अढाई दिन का झोपड़ा: एक ऐतिहासिक मस्जिद।
5. तारागढ़ दुर्ग: एक ऐतिहासिक किला।
6. चश्मा-ए-नूर: एक प्रमुख इस्लामिक तीर्थ स्थल।
7. तिलोनिया और काचरिया मंदिर: दो प्रमुख हिंदू मंदिर।
औद्योगिक हब
अजमेर जिले में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या बढ़ती जा रही है। यहां जूते, दवा, साबुन और होजरी-ऊनी कपड़ों के कई उद्योग हैं। संगमरमर की मंडी देश में सबसे बड़ी है और अजमेर राज्य का सबसे बड़ा फेल्सपार उत्पादक जिला भी है।
कृषि
अजमेर में जौ, जीरा, चना, सरसों, तारामीरा, ज्वार, मक्का, बाजरा, कपास, तिलहन, मिर्च और गेहूं फसलें बहुतायत में उगाई जाती हैं। राजस्थान में गुलाब का सर्वाधिक उत्पादन अजमेर में ही किया जाता है।
प्रशासन
अजमेर एक संभाग है, जिसमें अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर जिले आते हैं। अजमेर जिले में 16 तहसीलें और 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। अजमेर जिले में कुल 325 ग्राम पंचायत हैं।