Rajasthan Freedom fighter: देश को अंग्रेजों के हाथों से आजाद करने में कई क्रांतिकारियों और देश प्रमियों ने अमूल्य योगदान दिया है। राजस्थान के भी ऐसे कई क्रांतिकारी है जिन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया और उनकी नाक में दम कर दिया था। राजस्थान में आजादी का बिगुल बजाने का श्रेय मशहूर क्रांतिकारी पंडित अुर्जनलाल सेठी को जाता है। कहा जाता है अर्जुन लाल सेठी को उस समय के जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने राज्य का प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव भी रखा था लेकिन उन्होंने कहा था कि “ अगर अर्जुनलाल नौकरी करेगा तो भारत को अंग्रेजों से कौन निकालेगा”।
“अंग्रेजों में लार्ड कर्जन, जैनियों में लार्ड अर्जन”
अर्जुनलाल के पोते की बहू रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. कोकिला सेठी ने बताया कि उस समय उनके ससुर अर्जुनलाल सेठी को लेकर एक नारा काफी प्रसिद्ध था। अर्जुनलाल सेठी जी एक जैन परिवार के तालुक रखते थे इसीलिए लोग कहते थे “अंग्रेजों में लार्ड कर्जन, जैनियों में लार्ड अर्जन”।
बेटे की मौत की खबर मिलकर भी नहीं छोड़ा था आंदोलन
डॉ. कोकिला सेठी ने कहा कि उनहोंने गुप्त तरीके से देश को आजाद कराने के लिए कई क्रांतिकारियों को भी आंदोलन के लिए तैयार किया था। आंदोलन में भाषण देते समय उन्हें एक तार के जरिए बता चला था कि उनके बेटे प्रकाश चंद सेठी की मृत्यु हो गई है। तह भी उन्होंने अपना भाषणा नहीं रोका और कहा कि मेरा तैयार किया हुआ आजादी का एक दीवाना चला गया।
सशस्त्र क्रांति की बनाई थी योजना
देश के जाने माने क्रांतिकारी अर्जुनलाल सेठी का जन्म 9 सितंबर साल 1880 में राजस्थान के जयपुर में हुआ था। 1905 ई. में जयपुर से उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। स्कूल में क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। उन्होंने ‘शूद्र मुक्ति’, ‘स्त्री मुक्ति’ जैसी कई किताबें लिखी थी। 1915 ई. में उन्होंने सशस्त्र क्रांति की योजना तैयार की थी। इसके तहत निमेज हत्याकांड में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 1921 ई. में असहयोग आन्दोलन में भी उन्हेंने अपनी हिस्सेदारी दिखाई थी। लेकिन देश आजाद होने से पहले साल 1941 में अजमेर में उनका देहांत हो गया था।
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