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Rajasthan history: राजस्थान के माउंट आबू में रसिया बालम और राजकुमारी की एक ऐसी प्रेम कहानी, जिसमें शिल्पकार ने राजकुमारी के प्रेम में नक्की झील को अपने नाखूनों से खोदा था।

Rajasthan History: राजस्थान में अनेक प्रेम कहानीया चर्चित है। कुछ प्रेम कहानियां जो राजस्थान इतिहास के पन्नो पर दर्ज होकर हमेशा के लिए अमर हो गई जैसे कि ढोला-मारु, रानी रूपवती-बाज बहादुर, बाघा-भारमली की प्रेम कहानी है। राजस्थान का माउंट आबू यहां का इकलौता हिल स्टेशन है। नक्की झील सीहोर के माउंट आबू में स्थित है। यह झील रसिया बालम और राजकुमारी के प्रेम की निशानी है, तो बताते है रसिया बालम-राजकुमारी की प्रेम कहानी में कैसे नक्की झील का निर्माण एक ही रात में नाखूनों से किया गया था। 

रसिया बालम और राजकुमारी की प्रेम कहानी

एक बार माउंट आबू में एक शिल्पकार दिलवाड़ के जैन मंदिर में काम करने के लिए आया था। काम करते समय उसकी नजर एक राजकुमारी पर पड़ती है। इसको राजकुमारी से प्यार हो जाता है। यह शिल्पकार राजकुमारी के सामने शादी करने की बात रखता है। 

राजकुमारी के पिता की शर्त

राजकुमारी के पिता ने एक शर्त रखी कि जो आदमी बिना किसी औजार के यहां एक झील बना देगा। उसका विवाह राजकुमारी से कर दिया जाएगा। शर्त अनुसार शिल्पकार अपने नाखूनों से ही झील खोदना शुरू कर देता है वह पूरी रात अपने नाखूनों से झील खोदता है।

राजकुमारी की मां की साजिश
 
राजकुमारी की मां को लगा कि यह शिल्पकार तो झील खोदने में कामयाब हो जाएगा और उसकी बेटी की शादी इससे करा दी जाएगी।इस कारण उसने मुर्गे की झूठी बांग लगवा दी। शिल्पकार को लगा कि वह शर्त हार गया। वह अपने प्राण त्यागने की सोचता है, परन्तु मरने से पहले उसको राजकुमारी की मां के छल के बारे पता लग जाता हैं। यह राजकुमारी की मां को श्राप देकर पत्थर की मूर्ति बना देता है।

रसिया बालम और कुंवारी कन्या मंदिर 

यह मंदिर नक्की झील के पास बना हुआ है। यह इन दोनों की प्रेम कहानी की निशानी है। इस मंदिर के पास में ही एक पत्थर का ढेर बना हुआ है, ऐसा कहा जाता है कि इस पत्थर के नीचे राजकुमारी के मां की मूर्ति है, जिसे रसिया बालम ने श्राप देकर बनाया था। इस मूर्ति पर विवाहित महिलाएं पत्थर फेंकती है, उनकी मान्यता है कि इस औरत की वजह से रसिया बालम और राजकुमारी की कहानी अधूरी रह गई थी। 

शिव का अवतार रसिया बालम

रसिया बालम को भगवान शिव का अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि रसिया बालम शिव भगवान का अवतार है और राजकुमारी देवी मां का अवतार है। इस मंदिर में जाने पर प्रेमी जोड़ों को विवाहित होने का और विवाहित महिलाओं को सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद मिलता है।

संत की भविष्यवाणी

एक संत ने रसिया बालम और राजकुमारी के बारे में भविष्यवाणी की थी, चार युग बीत जाने के बाद इन दोनों का फिर से मिलन होगा। इनके मंदिर के में दो पेड़ है, जिन्हें रसिया बालम का तोरण कहा जाता है। यदि आप भी राजस्थान घूमने की चाह रखते हैं तो इस मंदिर के दर्शन जरूर करके जाए।

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