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Rajasthan History: राजस्थान के इतिहास के बारे में आपने बहुत से ऐसे योद्धाओं की कहानी सुनी होगी जिनकी वीरता ने दुश्मनों के नाकों चने चबा दिए थे, लेकिन यह एक ऐसा योद्धा था जिसने अपने साथ युद्ध के लिए भूतों की सेना खड़ी कर दी थी।

Rajasthan History: राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसका इतिहास युद्ध से भरा हुआ है, ऐसे में भी युद्ध की झलक आपको आसानी से देखने को मिल जाएगी। इस धरती पर इतने युद्ध लड़े गए हैं कि यहां के कवियों ने भी अपनी कविताओं और दोहों के जरिए इन युद्धों के इतिहासों को बताया है और ऐसे ही एक दोहा यह है:

दोहा : 
पग पग नेजा फाड़िया, पग पग फाड़ी ढाल!  
बीवी पूछे खान से, जग कितना जगमाल?

यह एक ऐसा दोहा है जिसे सुनते ही राजस्थान के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और ऐसा हो भी क्यों, इस कहावत की कहानी ही इतनी गौरवशाली है कि आज भी जिसे याद करते हैं, हर राजस्थानी अपने आप को धन्य मानता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

यह घटनाक्रम 14वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध की है, जब बाड़मेर के मेहवानगर के शासक मल्लिनाथ अपनी सेवा लेकर बाड़मेर से बाहर गए हुए थे। उस समय मेहवानगर में उनके बड़े पुत्र जगमाल के पास राज्य के सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, लेकिन सैन्य बल बहुत कम था। जब यह बात गुजरात के सुल्तान याकूब खान को पता चली, तो उसने बाड़मेर पर हमला कर दिया। ऐसी स्थिति यह आ गई थी कि जगमाल के पास कुछ सौ सैनिक थे और सामने से हजारों की संख्या में सैनिक के साथ याकूब खान आ रहा था।

आखिर क्यों भूतों की टोली ने की थी सहायता?

बताया जाता है कि राजकुमार जगमाल का बचपन में एक मित्र हुआ करता था, मेघ सिंह, जिसकी अल्प आयु में ही मृत्यु हो गई थी और उसकी आत्मा शांति के लिए भटक रही थी। लोग बताते हैं कि मेघ सिंह के भूत ने राजकुमार जगमाल को कहा था कि कभी अगर तुम पर विपत्ति आए तो मुझे याद करना, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। ऐसे में जब मेहवानगर पर गुजरात के शासक याकूब खान ने हमला किया, तो जगमाल ने अपने मित्र मेघ सिंह को बुलाया। बताया जाता है कि मेघ सिंह अपने साथ भूतों की टोली लेकर जगमाल की सहायता के लिए आया था।

युद्ध में बुरी तरह हारी याकूब खान की सेना:

जब युद्ध में याकूब खान के सैनिक जगमाल की सेना की ओर बढ़ रहे थे, तो भूतों की टोली ने उन्हें थप्पड़ मारते हुए कहा, "जगमाल से थप्पड़ खाओ!" बताया जाता है कि भूतों की टोली ने याकूब खान की सेना का इतना बुरा हाल किया कि सारी सेना वापस भाग गई। याकूब खान की सारी सेना अपने राज्य लौटी, तो वहां उन सैनिकों की पत्नियों ने उनसे पूछा कि उनकी ऐसी हालत किसने कर दी, तो सब ने बस एक ही नाम लिया – जगमाल। इसी स्थिति को देखते हुए कवियों ने इस दोहे को लिखा:

पग पग नेजा फाड़िया, पग पग फाड़ी ढाल!  
बीवी पूछे खान से, जग कितना जगमाल?

जिसका अर्थ होता है – कदम कदम पर झंडे फाड़े हुए हैं, कदम कदम पर सैनिकों के ढाल फाड़ दिए हैं, और खान के सैनिकों की बीवी उनसे पूछ रही है कि जग में कितने जगमाल हैं, कि सब के सब जगमाल से पिट कर आए हैं?

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