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Rajasthan stepwell: राजस्थान के अनोखी रहस्यमय लाहिनी बावड़ी, जिसे किसी राजा- महाराजाओं ने नहीं बनवाया, बल्कि एक राजकुमारी ने बनवाया। जाने इस बावड़ी से जुड़े अनोखे रहस्य।

Rajasthan Stepwell: प्राचीन समय का जलाशय बावड़ी या वाव हुआ करता है, जिसके सतह तक जाने के लिए सीढ़ियां बनी होती थी। यह सिर्फ जलाशय नहीं होता था, यह धरोहर के रूप में जाना जाता था। इसलिए इसके आस पास के इलाके में कलाकृतियां भी कराई जाती हैं। आज हम ऐसी ही एक बावड़ी के बारे में बताने जा रहें, जिसका निर्माण एक राजकुमारी ने करवाया था। जिसे स्वप्न बावड़ी या लाहिनी बावड़ी के नाम से जाने जाते हैं। अगर आप राजस्थान घूमने का प्लान कर रहे हैं और आपको इतिहास से जुड़ी जगहों के बारे में जानना, देखना पसंद है, तो आप इस बावड़ी का सैर कर सकते हैं। 

बता दें कि यह बावड़ी राजस्थान के सिरोही जिले के अंतर्गत बसंतगढ़ गांव में स्थित है। यह राजस्थान के प्राचीन वाव में से एक है, जो पुराने समय में अलग-अलग नामों से जाना जाता था। इस वाव को सरस्वती बावड़ी भी कहा जाता था। लाहनी वाव राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है, जिसके आसपास की सुन्दरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां हर रोज सैकड़ों सैलानियां देश विदेश से भ्रमण के लिए आते हैं। तो आइए जानते हैं इस बावड़ी को स्वप्न बावड़ी क्यों कहा जाता है। 

क्यों कहा जाता है स्वप्न बावड़ी

इस बावड़ी का निर्माण 1024 ईस्वी में आबू के शासक धंधुक की पुत्री और चौहानवंश के शासक विग्रहराज द्वितीय की पत्नी लाहिनी देवी ने करवाया था। इसलिए इसका नाम लाहिनी बावड़ी पड़ा। दरअसल इस वाव का निर्माण कराने से पहले राजकुमारी लाहिनी ने अपने सपनों में बावड़ी को देखा था इसके बाद इन्होंने इसे बनवाने का आदेश दिया। शुरुआत में इस बावड़ी में बैल के मदद से पानी निकाला जाता था, लेकिन इसे कुछ सालो बाद सीढ़ीनुमा बना दिया और आसपास के इलाके में कलाकृतियां करवाया गया।

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