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Laila Majnu Ki Mazar लैला-मजनू की मजार श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में स्थित है। कहा जाता है यह वही जगह है, जहां लैला-मजनूं ने अपनी आखरी सांस ली थी। चलिए आज आपको इसकी रोचक कहानी बताते हैं।

Laila Majnu Ki Mazar: जब भी प्रेम कहानी की बात आती है, तो उसमें सबसे पहले लैला-मजनू का नाम आता है। दोनों की प्रेम कथा पूरे विश्व में जानी जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दोनों ने साथ अपना आखिरी समय पाकिस्तान की बॉर्डर से केवल 2 किमी दूर राजस्थान के गंगानगर में गुजारा था। उनके प्रेम को अमर रखने के लिए यहां दोनों की मजार भी बनवाई गई है। मजार को देखने और इसके बारे में जानकारी लेने के लिए विदेशों से लोग यहां आते हैं।

मजार पर माथा टेकते हैं प्रेमी जोड़े 

लैला-मजनू की मजार श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ में स्थित है। कहा जाता है यह वहीं जगह है, जहां लैला-मजनूं ने अपनी आखरी सांस ली थी। यहां सालाना लाखों प्रेमी जोड़ें अपने जीवन की कामना के लिए यहां आकर माथा टेकते हैं। लोगों का कहना है कि यह मजार किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। प्रेमी जोडों के साथ-साथ नवविवाहित लोग भी अपने वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करते हैं। कई सैलानी इस जगह और लैला-मजनू की कहानी जानने के लिए यहां आते हैं। 

मजार तक कभी नहीं पहुंचा है बाढ़ का पानी

इस मजार की खास बात है कि इस इलाके में हर साल घग्गर नदी की बाढ़ कोहराम मचाती है। हर जगह केवल पानी ही पानी होता, लेकिन आज तक पानी इस मजार तक नहीं पहुंच पाया है। इसी कारण से लोगों में इस जगह को लेकर और भी आस्था बढ़ गई है। 

1952 से है मजार

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1952 से यहां दो समाधी बनी हुई है। इनमें से बड़ी समाधी जो पूर्व में बनी हुई है, वो मजनू की है। वहीं दूसरी तरफ बनीं छोटी समाधी लैला की है।

हर साल लगता है प्रेम का मैला

लैला मजनू की याद में हमेशा से यहां मेला लगता आ रहा है। पहले केवल एक दिन ही मेले का आयोजन किया जाता था, लेकिन जैसे जैसे लोग शामिल होते गए इस मेले को 5 दिन का कर दिया गया।

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