भारत को गांवों का देश कहा जाता है। यहां के गांवों में एक अलग तरह की संस्कृति और सभ्यता दिखाई देती है। शहर की भागदौड़ से दूर बसे गांवों में अलग माहौल बनता है। हर गांव की एक अलग कहानी होती है। ऐसे ही आज बात करेंगे राजस्थान में बसे एक गांव कि जहां लोग दो मंजिला मकान नहीं बनाते हैं। इस गांव के लोग दो मंजिला मकान बनाने से डरते हैं। आइए आज हम इसके पीछे की असली वजह के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
सात सौ वर्षों से चली आ रही यह परंपरा
राजस्थान के चुरु जिले के सरदारशहर तहसील के उड़सर गांव में पिछले 700 साल से किसी ने दो मंजिला मकान नहीं बनाए हैं। इस अनोखी परंपरा को लेकर गांव वालों का ऐसा मानना है कि यह गांव एक श्राप का दंश अभी तक झेल रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो दोमंजिला मकान बनाएगा, उसके घर में विपत्ति आ जाएगी।
गांव में हुई थी चोरी की घटना
इसके इतिहास को लेकर यह बताया जाता है कि उड़सर गांव में करीब सात सौ वर्ष पहले एक व्यक्ति रहता है। उसे एक दिन पता चला कि इस गांव में चोर आए हैं वह उन चोरों से सामना करने लगा। लेकिन भारी संख्या में चोरों के ग्रुप ने उसे ही चोटिल कर दिया। चोरों के खौफ से बचने के लिए वह व्यक्ति अपने ससुर के घर में जाकर छिप गया। मगर चोर उसे ढूंढते हुए वहां भी पहुंच गए।
एक औरत के श्राप ने गांव की बदल दी परंपरा
चोरों ने मिलकर उस व्यक्ति की गला काट दी। जिस जगह पर उस व्यक्ति का कटा हुआ सिर गिरा वहीं पर एक मंदिर का निर्माण करवा दिया गया। इस बड़ी घटना के बाद उस व्यक्ति की पत्नी ने पूरे गांव को यह श्राप दे दिया कि कोई भी गांव का व्यक्ति अपने घर में दूसरा मंजिला बनाएगा उसका विनाश हो जाएगा। इसके पीछे का दावे का कोई ठोस सबूत नहीं है। लेकिन गांव वालों के हिसाब से इसी घटना के बाद ऐसा होने लगा।
दूसरी मंजिल की जगह बनते हैं नए घर
उड़सर गांव में जो लोग निवास करते हैं, उनके परिवार बड़े भी हो उसके बाद भी दो मंजिला मकान नहीं बन सकता। जिसको घर कम पड़ जाता है वह नए घर का निर्माण करता है, लेकिन दूसरी मंजिल बनाने के बारे में विचार भी नहीं करता है। इस गांव में बने मंदिर के दर्शन करने लोग दूर दराज से आते हैं। इस मंदिर में माता टेकने से परिवार में सुख शांति बनी रहती है।