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Unique temple of Rajasthan: राज्थान के प्रतापगढ़ जिले में दिवाक माता का मंदिर है, जहां पर हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाने की मान्यता है। ये दिवाक माता का मंदिर है, जिसको लेकर प्राचीन कथा भी प्रचलित है। 

Unique temple of Rajasthan: हमारे देश में बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जिनकी अलग-अलग मान्यता है और वहां अलग-अलग चीजें चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है। बहुत से मंदिरों में नारियल चढ़ाने से माता मन्नत पूरी करते हैं, तो कहीं पर फल और प्रसाद आदि चढ़ाने की परंपरा है। वहीं राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में जोलर ग्राम पंचायत में एक ऐसा मंदिर स्थित है, जहां पर हथकड़ी और बेड़ियां चढ़ाने की अनोखी परंपरा है। जी हां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के दिवाक माता मंदिर की, जहां पर हथकड़ी और वीडियो चढ़ाने की परंपरा है। 

घने जंगलों के बीच है दिवाक माता का मंदिर

यह मंदिर अरावली पर्वतमाला और घने जंगलों के बीच में 500 मीटर की ऊंची पहाड़ियों पर है। यह मंदिर लगभग ढाई सौ साल पुराना माना जाता है। मंदिर में एक 200 साल पुराना त्रिशूल भी है। इस मंदिर को लेकर इतनी मान्यता है कि यहां पर भक्तों की भारी भीड़ देखी जाती है। वहीं यह भी कहा जाता है कि इस 200 साल पुराने त्रिशूल पर चढ़ी कई हथकड़ियां, 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हैं। 

ये कहानी है प्रचलित

इस मंदिर से जुड़ी एक कहानी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है कहा जाता है कि बहुत समय पहले यहां पर घना जंगल हुआ करता था। उस समय इस जंगल में काफी डाकू रहते थे। वह डाकू यहां पर पूजा अर्चना करने आते थे। धीरे-धीरे उनकी मन्नतें पूरी होनी शुरू हो गयीं। अगर वे कहीं डाका डालने में सफल रहते थे या जेल तोड़कर भाग निकलते थे, तो वह यहां आकर माता को हथकड़ी चढ़ाया करते थे। उस समय से अब तक यह चलन चला आ रहा है। बता दें कि बहुत से लोग अब भी कोर्ट कचहरी के चक्करों से बचने के लिए यहां मन्नत मांगने आते हैं। वहीं बहुत से लोग अपने परिजनों के जेल से छूटने के लिए यहां पर मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर हथकड़ी चढ़ाते हैं।

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