Jaipur E Rickshaws: जयपुर में शहरी गतिशीलता को बेहतर करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग ई-रिक्शा पंजीकरण और प्रबंधन के लिए एक ऐप विकसित कर रहा है। इस ऐप के बाद यातायात अव्यवस्था में काफी सुधार आएगा। आपको बता दें कि इस ऐप के माध्यम से ई रिक्शा चालकों को पंजीकरण करना होगा। आईए जानते हैं कैसे काम करेगा यह ऐप और क्या होंगे इसके फायदे।
कैसे काम करेगा यह ऐप
इस ऐप को संचालन में व्यवस्था लाने के लिए डिजाइन किया गया है। दरअसल इस वक्त शहर में 40000 से अधिक ई रिक्शा चल रहे हैं और सभी रिक्शाओं के कोई भी मार्ग निर्धारित नहीं है। इस वजह से गंभीर ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा होती है। चांदपोल बाजार, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़ और रामगंज चौपड़ जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक जाम की स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाती है।
अब इस ऐप के बाद ई रिक्शा चालकों को ऐप के माध्यम से पंजीकरण करना होगा। उसके बाद सभी ई रिक्शा चालकों को विशिष्ट क्षेत्र आवंटित कर दिया जाएगा और आसान पहचान और प्रबंधन के लिए क्यूआर कोड जारी करने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म भी मिलेगा।
पंजीकरण प्रक्रिया
ऐप में एक पंजीकरण फॉर्म होगा। ई रिक्शा चालकों को आवश्यक जानकारी उस फॉर्म में भरनी होगी। पंजीकरण होने के बाद वहां चालकों को एक क्यूआर कोड प्राप्त होगा। अब सिस्टम संचालित रूप से पोर्टल से प्राप्त जानकारी के साथ प्रदान किए गए डाटा को मिलाएगा और उसके बाद हर एक चालक को सुचारू चालन के लिए अलग-अलग क्षेत्र आवंटित कर देगा।
वर्तमान ट्रैफिक चुनौतियों का समाधान
वर्तमान में ज्यादातर ई रिक्शा जयपुर के परकोटा क्षेत्र में चलती है जिससे पूरे दिन ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा इन समस्याओं को दूर करने के लिए बीच-बीच में कहीं प्रयास किए है लेकिन उसके बावजूद भी व्यवस्थित मार्गों की कमी के कारण दिक्कतें ज्यादा वक्त के लिए दूर नहीं हुई। अब इस ऐप के माध्यम से पहले से जारी राज्य पत्र अधिसूचनाओं के साथ ई रिक्शा अलग-अलग क्षेत्र में संचालित की जाएगी। जिस वजह से इन चुनौतियों का समाधान होगा।
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