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Chambal River Project: पूर्वी राजस्थान की प्यास बुझाने के लिए चंबल नदी पर 2.3 किलोमीटर लंबा एक्वाडक्ट बनाया जाएगा। इस परियोजना पूर्वी राजस्थान की पेयजल की समस्या दूर होगी। साथ ही औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

Chambal River Project: राजस्थान के पूर्वी हिस्से में जल संकट काफी बड़ी समस्या बना हुए है। जिसको देखते हुए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। चंबल नदी पर 2.3 किलोमीटर लंबा एक्वाडक्ट बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी है। यह एक्वाडक्ट पार्बती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना (PKC) के तहत शुरू होगी। जिसके बाद कालीसिंध नदी का पानी लिफ्ट करके मेज नदी में डाला जाएगा। 

प्रदेश सरकार मिशन मोड़ में

प्रदेश सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए तुरंत प्रभाव से काम कर रही है। प्रोजेक्ट के प्रथम चरण के लिए 9400 करोड़ रुपए दिए गए थे और यह चरण पूरा हो चुका है। इसमें से चंबल एक्वाडक्ट के लिए ही 2330 करोड़ रुपए सौंपे गए थे। माना जा रहा है कि यह संरचना पीपलदा गांव से गोहाटा गांव तक फैल जाएगी। 

वन्यजीव बोर्ड ने भी दी अनुमति

इस परियोजना के लिए वंयजीवों के संरक्षण को भी ध्यान में रखकर केंद्रीय वन्यजीव बोर्ड से भी स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही वन भूमि प्रत्यावर्तन की प्रक्रिया भी अब अपने अंतिम चरण में हैं। इसके अलावा नवनेरा बैराज से मेज एनिकट तक फीडर लाइन बनाने के किए 328 हैक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 

ये सब फायदे होंगे

परियोजना से प्रदेश के 17 जिलों की पेयजल और उद्योगों के जल की समस्या खत्म हो जाएगी। यह कार्य लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की लागत से संशोधित PKC -ERCP योजना के तहत किया जा रहा है। इस योजना को केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार का भी समर्थन मिल रहा है। इस परियोजना का MOU प्रधानमंत्री की उपस्थिति में शुरू हुआ था। इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान की तो, प्यास बूझेगी ही साथ में औद्योगिक विकास की धारा भी गति से बहेगी।

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