Rajasthan Farmer News : प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक हाइटेक लैब बनाने का फैसला किया है। इस लैब में किसानों को पैथोलॉजिस्ट और कीट विज्ञानी रोग कीट से बचाव के तरीके बताए जाएंगे तथा अत्यधिक कीटनाशक छिड़कने से होने वाले नुकसान के बारे में भी समझाया जाएगा।
किसानों को फसलों के खराब होने और उनकी जांच के लिए भी यह लैब हैं। इन लैब के लिए सरकार ने 21 करोड़ रुपए का बजट बनाया है और अभी के लिए ये लैब केवल जयपुर और जोधपुर शहरों के लिए ही थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने 20 जिलों को लैब की सुविधा दी है।
कहां होंगी एग्री लैब
प्रदेश में 20 जिलों को एग्री लैब या क्लीनिक की सुविधा दी जाएगी। इन 20 लैब के नाम कोटा, बीकानेर, जोधपुर, पाली, करौली, उदयपुर, भरतपुर, हनुमानगढ़, सवाईमाधोपुर, अजमेर, जयपुर, चुरु, अलवर, भीलवाड़ा, टोंक, दौसा, झुंझुनू और श्री गंगा नगर हैं। लगभग 300 वर्ग फीट में एक लैब को बनाया जाएगा और एक लैब बनाने में लगभग 11 लाख का खर्च आएगा।
प्रथम चरण में सीकर जिले में यह लैब बनाई जाएगी। लैब एक भवन नुमा होगा, जिसमें कृषि संबधी मशीन और उनके कुछ उपकरण होंगे। सरकार का मानना है कि आगामी वित्तीय वर्ष से तक इन लैब का कार्य पूरा हो जाएगा और किसानों को सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
लैब से क्या होगा फायदा
किसानों की फसलों को गंभीर समस्याएं, रोग, संक्रमण से बचाने में इन लैब की अहम भूमिका होगी। प्रदेश स्तर पर विश्वविद्यालयों में कृषि सब्जेक्ट के विशेषज्ञों की सुविधाएं दी गई है। शहरों में पुराने उम्रदराज किसानों को आज की तकनीक के बारे में नहीं पता होता, उनकी फसलों को बीमारियों से बचाने में तथा किसने को कईं ओर भी सुविधाएं देने में इन लैब का अहम योगदान होगा।
बहुत से किसान है, जिनको फसलों में कितनी खाद डालनी है या कितना कीटनाशक डालना है नहीं पता होता। जिससे उनकी फैसले खराब हो जाती है और खाने वाले को उनकी लाभ नहीं मिल पाता। किसानों को लैब के माध्यम से कृषि से संबंधित वस्तुएं भी जाएगी और खेती के तौर तरीके भी बताए जाएंगे।
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