Patali river: राजस्थान के कोटा की पाटली नदी को पुन:जीवित करने के लिए जल संसाधन विभाग की ओर से 5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगें। बता दें कि पाटली नदी रामगंजमंडी क्षेत्र से निकलती है, जो कई सालों से मलबे में विलय गई थी। रामगंजमंडी विधायक और राजस्थान सरकार में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर की ओर से इसे जीवित करने का कार्य किया जा रहा है।
गुरुवार को आयोजित हुआ उद्घाटन समारोह
जल संसाधन विभाग द्वारा पालटी नदी के किनारे गुरूवार को जुल्मी में नदी का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में पहली बार किसी नदी को पुनर्जीवित होते हुए देखा है। यह मेरा सौभाग्य है क़ि मेरे हस्ताक्षर सें पाटली नदी को पुन:जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। पूरे शहर के लिए यह सबसे बड़ा दिन है।
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50 हजार बीघा से ज्यादा जमीन को किया जाएगा सिंचित
रामगंजमंडी इलाके में लगभग 40 गांव के किसानों को पाटली नदी की मरम्मत के बाद राहत मिलेंगी। बता दें कि क्षेत्र की 50 हजार बीघा से ज्यादा जमीन को सिंचित करने का कार्य किया गया जाएगा। इससे किसानों को खेती के दौरान पानी की कमी नहीं होगी।
कार्यक्रम में मौजूद रहे विभाग के अधिकारी
गुरुवार लगभग 4 बजे जल संसाधन विभाग की ओर से पाटली नदी उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर समेत विभाग एससी के. के. गुजारिया, उप जिला प्रमुख कृष्ण गोपाल, जिला परिषद सदस्य धीरज सिंह सिसोदिया, जल संसाधन जुल्मी सरपंच वर्षा परमार, बीडीओ समय सिंह और तहसीलदार नेहा वर्मा शामिल हुए। साथ ही आयोजन का संचालन उप प्रधान सुनील गौतम ने किया।
एमपी के मंदसौर जिले से निकलती है पाटली नदी
जानकारी के लिए बता दें कि 37 किलोमीटर लम्बी पाटली नदी मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले से निकलकर नीमथुर की पहाड़ी से होते हुए रामगंजमंडी में प्रवेश करती है। नदी का 12 किलोमीटर का हिस्सा रामगंजमंडी में मौजूद है। पाटली नदी पर 4 एनीकट बनाएं जाएंगे और सौन्दर्य करण किया जाएगा।