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National parks of Rajasthan: सूखा प्रदेश होने के बाद भी राजस्थान पांच नेशनल पार्कों का गढ़ है। ये सभी नेशनल पार्क एक से बढ़कर एक हैं। चलिए सभी पार्कों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

National Parks of Rajasthan: जब भी कभी राजस्थान का जिक्र होता है, हमारे जहन में रेत के मैदानों की तस्वीर बनने लगती है। खासकर अगर आप राजस्थान से नहीं हैं, तब तो ऐसा होना और भी ज्यादा आम बात हो जाती है। लेकिन ऐसा नहीं है कि पूरा राजस्थान सिर्फ रेतीले मैदानों से भरा हुआ है। राजस्थान तो सांस्कृतिक और प्राकृतिक दोनों ही मामलों में बहुत अधिक रंगीन राज्य है। यहां पांच नेशनल पार्क भी हैं। आज के इस लेख में हम राजस्थान के सभी पांच नेशनल पार्कों के बारे में जानेंगे, जो राजस्थान के लिए गौरव का कारण हैं।

1. डेजर्ट राष्ट्रीय उद्यान

राजस्थान का डेजर्ट नेशनल पार्क अपने आप में एक यूनिक नेशनल पार्क है, क्योंकि यह डेजर्ट होते हुए भी एक पार्क है। यह नेशनल पार्क लगभग 3000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में जैसलमेर से लेकर बाड़मेर जिले तक फैला हुआ है। चूंकि यह एक नेशनल पार्क और रेगिस्तान दोनों का संयोजन है, इसलिए यहां की वनस्पतियां और जीव-जन्तु अन्य नेशनल पार्कों से बहुत अलग हैं।

यहां आपको ऊंट, ब्लैकबक, चिंकारा, रेगिस्तानी लोमड़ी आदि जीव आसानी से देखने को मिलेंगे और संकटग्रस्त भारतीय बस्टर्ड भी यहां पाए जाते हैं। सर्दी के मौसम में यह नेशनल पार्क और भी खूबसूरत हो जाता है, क्योंकि इस दौरान यहां प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। यह समय जीप सफारी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। वहीं अगर आपको ऊंट की सवारी करनी हो, तो गर्मियों का सीजन इसके लिए सबसे अच्छा माना जाता है।

2. रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान 

रणथंभौर नेशनल पार्क उत्तर भारत के सबसे चर्चित नेशनल पार्कों में से एक है, जो राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। 393 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ यह नेशनल पार्क अपने बाघों के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यह वन क्षेत्र पुराने समय में जयपुर के राजाओं के शिकार का स्थल हुआ करता था। रणथंभौर नेशनल पार्क के अंतर्गत मानसिंह सेंचुरी और कैला देवी सेंचुरी भी हैं।

अगर आप जंगल सफारी के शौकीन हैं, तो आप रणथंभौर नेशनल पार्क का रुख कर सकते हैं, क्योंकि यहां आपको आसानी से बाघ देखने को मिल सकते हैं। यहां जिप्सी सफारी के लिए 6 सीटर व्हीकल उपलब्ध होते हैं, जिससे आप मॉर्निंग और इवनिंग सफारी का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ कैंटर सफारी भी उपलब्ध है, जो 20 सीटर ओपन बस होती है।

3. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

केवलादेव नेशनल पार्क, जिसे पहले भरतपुर बर्ड सेंचुरी के नाम से जाना जाता था, पक्षियों की प्रजनन के लिए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वन्य क्षेत्रों में से एक है। शुरुआत में यह स्थान राजा-महाराजाओं और ब्रिटिशों के लिए शिकार स्थल था। 1982 में इस नेशनल पार्क को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी। यहां 370 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं और आप यहां बास्किंग पाइथन, हिरण, नीलगाय और पेंटेड स्ट्रोक्स जैसे वन्य जीवों को देख सकते हैं।

4. अलवर-सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

अलवर-सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के प्रसिद्ध नेशनल पार्कों में से एक है। यह वन्यजीव अभ्यारण्य राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है और 881 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां 220 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें यूरोप, मध्य एशिया और अन्य क्षेत्रों से प्रवासी पक्षी शामिल हैं। अरावली रेंज में स्थित इस नेशनल पार्क में बाघ, तेंदुआ, शाकाहारी जानवर और सरीसृपों का बसेरा है। यहाँ जंगल सफारी करते समय बाघ, तेंदुआ और कई तरह के विदेशी पक्षी देखे जा सकते हैं।

5. मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान 

मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़ और चित्तौड़गढ़ के 760 वर्ग किलोमीटर के वन क्षेत्र में फैला हुआ है। इस नेशनल पार्क के अंतर्गत दारा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, जवाहर सागर और चंबल वाइल्डलाइफ सेंचुरी आते हैं। इसकी स्थापना नवंबर 1955 में एक सेंचुरी के रूप में की गई थी। यहाँ के प्रमुख आकर्षणों में गागोरनी तोता शामिल है, जो इंसानों की आवाज की नकल करता है। यहां आपको बंगाल टाइगर, भारतीय भेड़िया, तेंदुआ, सांभर हिरण, नीलगाय, चिंकारा, मगरमच्छ और घड़ियाल भी देखने को मिलते हैं।

राजस्थान के इन सभी नेशनल पार्कों की अपनी अलग-अलग खूबियां हैं। कुछ नेशनल पार्क बंगाल टाइगर के लिए प्रसिद्ध हैं, तो कुछ अपनी ऊंट सफारी के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन एक बात है जो इन सभी नेशनल पार्कों को एक साथ जोड़ती है। ये सभी राष्ट्रीय उद्यान भारतीय जैव विविधता को बचाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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